Diseases Search
Close Button

Stay Healthy with Ayurveda

Search Icon

आयुर्वेद - मधुमेह को नियंत्रित रखने का सर्वोत्तम उपाय

आजकल मधुमेह की बीमारी इतनी व्यापक हो गयी है कि वह दुनिया भर के स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक गंभीर चिंता का कारण बन गयी है। ऐसे तो इस बीमारी के अनेक जटिल कारण हैं लेकिन खुशी की बात यह है कि पौष्टिक भोजन, नियमित शारीरिक गतिविधि, वजन को सामान्य रखने और तम्बाकू का सेवन न करने से इससे होने वाली परेशानियों को रोका जा सकता है।

दुःख की बात यह है कि करीब-करीब सभी देशों में, खासतौर से विकासशील देशों में मधुमेह से पीड़ित लोगों को सच्चाई नहीं मालूम है। वे इस भ्रम में हैं कि इन्सुलिन के इंजेक्शन और रोजाना की दवाई पर ही उनका जीवन निर्भर करता है। लेकिन यह सच नहीं है!

आयुर्वेद के अनुसार सही दवाई के साथ सही खान-पान और रहन-सहन से शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखा जा सकता है। वास्तव में मधुमेह एक पुराना चयापचय विकार है। यह तब उत्पन्न होता है जब अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बनाता है या जब शरीर उसके द्वारा बनाये गए इन्सुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है। इसलिए शरीर को सम्पूर्ण रूप से हृष्ट-पुष्ट बनाकर ही इस बीमारी का उपचार हो सकता है।

सचेत करने वाले संकेतों को पहचाने:

मधुमेह के रोकथाम के लिए जानकारी बहुत ज़रूरी है। यहाँ पर कुछ लक्षण बताये जा रहे हैं। आप अपने शरीर में इन लक्षणों को देखकर पता कर सकते हैं कि कहीं आप मधुमेह से संबंधित परेशानियों को तो नहीं झेल रहे हैं।

  • बार-बार मूत्र त्याग करना

  • अत्यधिक प्यास लगना

  • भूख

  • वजन घटना

  • अधिक थकान होना

  • रूचि का अभाव और ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी

  • हाथों और पैरों में सनसनी होना या उनका सुन्न हो जाना

  • धुंधला दिखाई देना, बार-बार बीमार पड़ना और घावों को भरने में अधिक समय लगना, इस बीमारी के अन्य संकेत हैं

सचेत करने वाले मूल लक्षणों को नज़रंदाज़ न करें क्योंकि वे किसी गंभीर समस्या के संकेत हो सकते हैं। मान लीजिये आपको कोई संदेह है तो अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।

याद रखें, आपको मधुमेह होने की आशंका है यदि आप:

  • मोटे हैं या आपका वजन सामान्य से अधिक है

  • निष्क्रिय हैं

  • पहले कभी आपको शर्करा असहिष्णुता की शिकायत हो चुकी है

  • आपका खान-पान और खाने का समय अनिश्चित व अस्वास्थ्यपूर्ण है

  • आपकी उम्र ४० साल से ज्यादा है

  • आपको उच्च रक्त चाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल की शिकायत है

  • आपके परिवार के इतिहास में मधुमेह है

  • अगर गर्भावस्था में मुधमेह रहने का पारिवारिक इतिहास है

  • आप किसी विशिष्ट जातीयता के हैं (एशियाइयों, हिस्पैनिक्स, अफ्रीकी अमेरिकियों में मधुमेह की उच्च दरें पाई जाती हैं)

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण:

आयुर्वेद में डायबिटीज को मधुमेह कहते हैं। मधु का अर्थ है शहद और मेह का अर्थ है मूत्र। मधुमेह वातज मेह की श्रेणी में आता है अर्थात यह समस्या वात में अपवृद्धि के कारण उत्पन्न होती है। आयुर्वेद में वात वायु और सूखेपन का प्रतीक है। वात की खराबी के कारण शरीर का ह्रास होता है। इस प्रकार की बीमारी में शरीर के धातु अथवा शरीर ऊतक सबसे अधिक क्षय होते हैं। इसलिए मधुमेह का सारे महत्वपूर्ण अंगों पर असर होता है।

पाचन की खराबी मधुमेह का दूसरा मुख्य कारण है। बिगड़े हुए पाचन की वजह से अग्नाशयी कोशिकाओं में विशिष्ट पाचन दोष अथवा आम जमा हो जाता है और इन्सुलिन के उत्पादन में बाधा उत्पन्न करता है।

आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह का उपचार आधुनिक चिकित्सा से कुछ भिन्न है। वह सिर्फ शर्करा के स्तर को संतुलन में रखने के लिए ही नहीं बल्कि रोगी के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए शरीर को पुनः हृष्ट-पुष्ट बनाने का प्रयास करता है। आयुर्वेदिक दवाइयां बीमारी के मूल कारण पर काम करती हैं। वे मरीज की रोग प्रतिरोधक शक्ति व पाचन शक्ति को बढ़ाती हैं और उसे काफी हद तक एक स्वस्थ जीवन बिताने में मदद करती हैं। दवाइयों के साथ परहेज़ करने और रहन-सहन में परिवर्तन लाने की राय दी जाती है ताकि शरीर की कोशिकाएं और ऊतक जल्दी हृष्ट-पुष्ट हो जायें और ठीक से इन्सुलिन का उत्पादन कर सकें।

क्या आप मधुमेह से पीड़ित हैं? सहायता के लिए जीवा से संपर्क करें:

अगर आप मधुमेह के मरीज हैं और एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से विशेष उपचार प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें 0129-4040404 पर कॉल करें या info@jiva.com पर लिखें अथवा मुफ्त स्वास्थ्य संबंधी राय का लाभ उठायें।

मधुमेह से पीड़ित लोगों की दिनचर्या:

सुबह उठने का समय:

आपको सुबह ६ बजे उठना चाहिए ताकि आपको व्यायाम करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। एक गिलास गुनगुने पानी में दो छोटा चम्मच ताज़ा नींबू का रस डालकर रोज़ पियें।

व्यायाम:

मधुमेह के मरीजों के लिए व्यायाम आवश्यक है। यह उनके उपचार का महत्वपूर्ण अंग है। सुबह सैर करना व्यायाम का एक बहुत अच्छा तरीका है। योग और ध्यान करने से भी लाभ हो सकता है। ये खासतौर से मानसिक तनाव को दूर करने के लिए अच्छे हैं। यदि आपकी शारीरिक स्थिति में संभव हो तो आप जॉगिंग, तैरना और साइकिल चलाना जैसे व्यायाम कर सकते हैं।

नाश्ता:

सुबह उबले हुए गुनगुने दूध के साथ मक्खन लगी हुई होलमील ब्रेड की दो स्लाइस लें। कभी-कभी दूध के साथ या उसके बिना मौसम के ताज़े फल ले सकते हैं।

कार्यस्थल में:

अगर आप कहीं काम करते हैं तो अपने साथ ज़रूर से कुछ पेट भराऊ नाश्ता रखें क्योंकि मधुमेह के मरीजों को अपने पेट को कभी खाली नहीं रहने देना चाहिए। चीज़, चिप्स या बिस्कुट की जगह एक मुट्ठी भिन्न प्रकार के नट्स या बीज खायें जैसे सूरजमुखी या कद्दू के बीज, बादाम, काजू और अखरोट।

दोपहर का भोजन:

दोपहर में आप भांप से पकी हुई या हलकी सी पकी हुई हरी सब्जियां जैसे फूलगोभी, बंदगोभी, टमाटर, पालक का साग, शलजम, ऐस्परैगस और मशरुम खा सकते हैं। सब्जियों का सूप या उबली हुई सब्जियाँ भी ले सकते हैं। साथ में आप इच्छानुसार दो या तीन रोटियाँ, अंकुरित, सलाद, दाल, चावल आदि ले सकते हैं। भोजन को संपन्न करने के लिए एक गिलास मट्ठा पीना अच्छा है। उसमें भुना हुआ जीरा, काला नमक, कद्दूकस की हुई अदरक और हरा धनिया डाला जा सकता है।

दिन में सोने की आदत:

यदि आपको मधुमेह है और आप कोई काम नहीं करते हैं तो दिन में कभी न सोयें क्योंकि इससे कफ बढ़ता है। यह कफ का एक उप-दोष है। क्लेदक कफ पाचक तंत्र की रक्षात्मक श्लेष्मल झिल्ली को नियंत्रित करता और पाचन में सहायता करता है। इसके बढ़ने से पाचन खराब हो सकता है और मधुमेह से पीड़ित लोगों को कुछ अन्य समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है।

शाम का नाश्ता:

एक गिलास ताज़ा फल या सब्जी का रस पियें। आप चाहें तो भुने हुए चने के साथ आयुर्वेदिक चाय भी पी सकते हैं।

रात का भोजन:

यह बात हमेशा याद रखें कि रात का भोजन हल्का होना चाहिए और उसमें अत्यधिक चीजें नहीं होनी चाहिए। उबली हुई सब्जियाँ, अंकुरित चीजें, पनीर या ताज़ी सब्जियों से बना हुआ सलाद खाना सबसे अच्छा है। यह ध्यान रखें कि आप सोने से कम से कम दो घंटे पहले खाना खायें।

सोने का समय:

रात को १० बजे से पहले सोयें। सोने से पहले ताज़ा उबला हुआ गुनगुना दूध पियें।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.

SHARE:

TAGS:

Comment

Be the first to comment.

Leave a Reply

Signup For Jiva Newsletter

Subscribe to the monthly Jiva Newsletter and get regular updates on Dr Chauhan's latest health videos, health & wellness tips, blogs and lots more.

Please fill your Name
Please fill your valid email
Book An Appointment Chat With Us