माइग्रेन को सबसे ज्यादा अनदेखा, गलत पहचानना, गलत उपचार किया जाना और साधारण बीमारी की तरह माना जाता है। यह सब इसलिए हैं क्योंकि उसकी प्रकृति ही पकड़ में न आने वाली होती है, इसलिए इस समस्या का उपचार तब तक नहीं होता जब तक यह खतरनाक स्तर तक नहीं पहुंच जाती।
यही वजह है कि आपको लगातार हो रहे सिरदर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि जिसको आप नुकसान न पहुँचाने वाली बीमारी समझ रहे हैं वो एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है।
दौरे का खतरा
इसके कोई ठोस सबूत नहीं है कि अर्धकपारी यानि माइग्रेन और दौरा पड़ने के बीच कोई संबंध हैं, लेकिन कई डॉक्टर यह विश्वास करते हैं कि इन दोनों के बीच संबंध है। माइग्रेन यानि अर्धकपारी को कई दूसरी बीमारियाँ होने का कारण माना जाता है।
उपचार की कमी होना
कई दूसरी गंभीर बीमारियों की तरह ही माइग्रेन के ठीक होने की संभावना भी बीमारी की स्थिति के ऊपर तय होती है। इसी वजह से यह ज़रूरी है कि आप शुरुआती दिनों में ही इसकी जांच और इलाज करवाएँ। माइग्रेन से निपटने का सबसे आसान तरीका यही है कि आप सिरदर्द होने के शुरुआती दिनों में भी समस्या का पता लगा लें।
आँखों और दाँत में समस्या
माइग्रेन से होने वाले सबसे बुरे प्रभावों में से एक यह है कि आपको आँखों और दांतों में दिक्कत आ सकती है। कई मामलों में देखा गया है कि लगातार सिरदर्द की वजह से लोगों की आँखों की रोशनी चली गई है और दांतों की गंभीर परेशानियाँ हो गई हैं। अगर आपको बार-बार सिरदर्द हो रहा है, या ऐसा सिरदर्द है जिसका कारण आप समझा नहीं पा रहे हैं, तो ऐसे में हम आपको जल्दी से जल्दी डॉक्टर से मिलने की सलाह देते हैं ताकि वह आपकी परेशानी के मूल कारण को समझकर उसे ठीक कर सके। अपनी लापरवाही को अपनी सेहत और बीमारी मुक्त जिंदगी के बीच न आने दें।