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सन स्ट्रोक के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक घरेलू उपचार

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हर साल देश के कई हिस्सों में तापमान की असामान्य वृद्धि के कारण उत्पन्न सनस्ट्रोक से सैंकड़ों लोग प्रभावित होते हैं और समय पर उपचार न मिलने पर कई बार आकस्मिक गम्भीर पीड़ा भी सहनी पड़ती है।

गर्मी के मौसम में सामान्यतः सनस्ट्रोक या लू का प्रकोप देखा जाता है। समय बीतने के साथ ही लू से होने वाली बिमारियों की खबरें देखने व सुनने को मिलती हैं। इससे बचने के घरेलू उपायों व उपचारों को जानने से पहले लू के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त कर लेना बेहतर होगा।

सन स्ट्रोक क्या है?

शरीर का निरन्तर तेज धूप के सम्पर्क में रहने के कारण उत्पन्न विकार सनस्ट्रोक कहा जाता है। यह परिस्थिति कम या ज्यादा घातक अवस्था की हो सकती है। लू लगने की गम्भीर अवस्था का तात्पर्य है, लम्बे समय तक तेज गर्म हवाओं में रहने से शरीर का तापमान 37ह्ब् से ज्यादा बढ़ जाना। जब यह तापमान और अधिक बढ़कर 40ह्ब् तक पहुँच जाता है, शरीर के कई महत्त्वपूर्ण अंगों की कार्यप्रणाली को काफी नुकसान पहुँचता है और शरीर में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैंः

लक्षणः

  • तेज सिरदर्द

  • सांस तेज चलना

  • हृदय गति बढ़ जाना

  • त्वचा का लाल या गर्म जो जाना

  • जी मिचलाना व उल्टी होना

  • चक्कर आना या बेहोश होना

  • शरीर में जलीय तत्व की अत्यधिक कमी हो जाना

आयुर्वेद में सनस्ट्रोक या लू लगने को पित्त वृद्धि या पित्त प्रकोप समझा जा सकता है। उपरोक्त वर्णित कई लक्षण, आयुर्वेदानुसार पित्त की बढ़ी हुई अवस्था से मिलते हैं। अतः पित्त शमन के लिए सहायक खान-पान व रहन-सहन लू लगने में भी लाभप्रद है।

लू से बचने के सामान्य तरीके कुछ इस प्रकार हैंः

सरल उपायः

  • धूप के सीधे सम्पर्क से शरीर को बचाने के लिए पूरी बाँह वाले कपड़े पहनें

  • तंग कपड़ों के बजाए ढीले कपड़े पहनें

  • सूती कपड़े पहनें, छाता लेकर बाहर जाएं

  • घर से बाहर खाली पेट न निकलें

  • थोड़ी-थोड़ी देर में पर्याप्त पानी पीते रहें

  • प्राकृतिक शीतल द्रव्यों जैसे ठण्डाई, नारियल पानी व फलों के रस का सेवन करते रहें

  • अत्यधिक धूप के समय बाहर जाने से बचें

घरेलू उपचारः

  • निर्जलीकरण की अवस्था में स्वच्छ पानी, चीनी व नमक मिलाकर पिएं

  • सलाद के रूप में प्याज का नियमित सेवन लू से बचाता है। लू लग जाने पर शरीर पर प्याज के रस से मालिश की जाती है।

  • धनिया और पुदीने की ताजा पत्तियां पीसकर मिश्री मिलाकर पानी के साथ लें।

  • कच्चे आम का पना, जिसमें भुना जीरा, पुदीना, सौंफ, काला नमक, चीनी या गुड़ मिला हो, काफी लाभदायक है।

  • ताजा छाछ का नियमित सेवन गर्मी के प्रभाव से बचाता है।

  • चन्दन का लेप गर्मी के प्रभाव को कम करने में अति उपयोगी है।

  • पानी वाले खाद्य पदार्थ जैसे - खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, फालसा, नींबू, गन्ने का रस इत्यादि का ज्यादा प्रयोग करें।

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