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होम-डिटॉक्स

लम्बे समय तक शरीर में जमा होकर आम कई प्रकार के रोग उत्पन्न कर देता है। इस विषैले पदार्थ को जमा होने से रोकने के लिए शरीर को नियमित से शुद्ध या ‘डिटॉक्स’ करने की आवश्यकता होती है।

ध्यान व संयमित भोजन करना भी शुद्धि कार्यक्रम का हिस्सा है। शरीर के ऊर्जा प्रवाह के संतुलन के लिए ये सहायक माने जाते हैं। साथ ही डिटॉक्स प्रक्रिया शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को प्राकृतिक रूप से सुदृढ़ बनाती है।

डिटॉक्स की आवश्यकता क्यों है?

आधुनिक तकनीकी विकास और मशीनों के अत्यधिक उपयोग ने वर्तमान समय में पर्यावरण को काफी नुकसान पहुँचाया है, जिसके प्रभाव से प्रदूषण का बढ़ता स्तर हम सभी के जीवन को प्रभावित कर रहा है। हमारा शरीर और मन, दोनों ही निरन्तर रूप से प्रदूषण उत्पन्न करने वाले विभिन्न कारणों जैसे- अशुद्ध या मिलावटी खाद्य पदार्थ, रेडियशन (विकिरण), रसायनों का प्रयोग, जलवायु परिवर्तन इत्यादि से ग्रसित हो रहे हैं।

आहार प्रक्रिया के रूप में व्यक्ति कुछ चीजें पचाकर विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर कर देता है। साथ ही कई खाद्य पदार्थ उचित प्रकार से नहीं पचने पर ‘आम’ (एक प्रकार का विषाक्त पदार्थ) उत्पन्न करते हैं, जो पूरी तरह से शरीर से बाहर नहीं निकल पाता। लम्बे समय तक शरीर में जमा होकर आम कई प्रकार के रोग उत्पन्न कर देता है। इस विषैले पदार्थ को जमा होने से रोकने के लिए शरीर को नियमित से शुद्ध या ‘डिटॉक्स’ करने की आवश्यकता होती है।

डिटॉक्स की आवश्यकता किसे है?

डिटॉक्स की जरूरत सभी को होती है। ‘आम’ या विषैले पदार्थ किसी भी शरीर में हो सकते हैं, चाहे वह जवान हो या वृद्ध, स्त्री हो या पुरूष व रोगी हो या स्वस्थ।

डिटॉक्स कैसे करें:

नियमित रूप से शरीर की शुद्धि के लिए जीवा ने प्राकृतिक व आसानी से किए जा सकने वाले उपाय बताए हैं। चिकित्सक के निर्देशानुसार इस प्रक्रिया को घर पर किया जा सकता है।

लाभ:

  • शरीर के सूक्ष्म स्तर (कोशिकाओं) पर व्याप्त विषाक्त पदार्थों को हटाना

  • आम को उत्पन्न होने से रोकने के लिए शारीरिक क्षमता को बढ़ाना

  • विरेचन (मल) द्वारा विषाक्त पदार्थों को निकालना

इन उद्देश्य को कुछ आसान तरीकों के उपयोग से प्राप्त किया जा सकता है, जो निम्न प्रकार से बताए गए हैं –

तेल का प्रयोग:

इसे बाहरी व आन्तरिक दोनों रूप से प्रयोग किया जा सकता है। इसके कुछ प्रचलित तरीके हैं जैसे-मालिश करना, तेल से गरारे करना, नाक व कान में तेल लगाना इत्यादि।

भाप चिकित्सा:

गर्म पानी या सॉना बाथ से भाप स्नान लेना।

हर्बल चाय:

जीवा हर्बल टी या अन्य प्राकृतिक जड़ी बूटियों का क्वाथ स्रोतसों को साफ करने के लिए पीना।

जीवा एन्टी-आम या आमपाचक चूर्ण-

आम के पाचन में सहायता देना।

डिटॉक्स फॉर्मूला:

यह मिश्रण शरीर से विषैले पदार्थों को निकालता है।

इन के अतिरिक्त योगा, ध्यान व संयमित भोजन करना भी शुद्धि कार्यक्रम का हिस्सा है। शरीर के ऊर्जा प्रवाह के संतुलन के लिए ये सहायक माने जाते हैं। साथ ही डिटॉक्स प्रक्रिया शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को प्राकृतिक रूप से सुदृढ़ बनाती है।

जीवा होम डिटॉक्स किट के साथ आप जीवन में स्वास्थ्य को बरकरार रख सकते हैं। यदि आप इसके लिए इच्छुक हैं, तो जीवा के डॉक्टर से बात करें और किट को उचित रूप से उपयोग करने की विधि प्राप्त करें।

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