Diseases Search
Close Button
 
 

मॉनसून के लिए आयुर्वेदिक आहार और जीवनशैली के उपाय

बारिश के मौसम में पाचन की अग्नि कमजोर होती है। पूरी गर्मियों में वात दोष शरीर में इकट्ठा होता जाता है और अग्नि को बिगाड़ता है जिससे पाचन की शक्ति पर भी असर पड़ता है। जब दोष असंतुलित हो जाते हैं तो यह कई तरह की पेट से जुड़ी समस्याएँ पैदा करते हैं जैसे दस्त और पेचिश।

बारिश के मौसम में वातावरण में आए बदलाव के बुरे असर से बचने के लिए आयुर्वेद वर्षा ऋतुचर्या अपनाने की सलाह देता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक भारत में 6 मौसम आते हैं इसमें शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद और हेमंत शामिल हैं और इन सभी के लिए आयुर्वेद एक खास जीवनशैली और आहार नियम बताता है, जो दोषों को असंतुलित होने से बचाते हैं। बारिश के मौसम यानि वर्षा ऋतु को लेकर जो दिशा निर्देश दिए गए हैं उन्हें वर्षा ऋतुचर्या कहते हैं।

हम आपको कुछ आसान जीवनशैली और आहार के बारे में बताएंगे जो वर्षा ऋतुचर्या से जुड़े हैं, इसको अपनाकर आप अपच, पेट फूलना, सर्दी या दूसरे मौसमी विकारों की चिंता किए बगैर बारिश के मौसम का मज़ा ले सकते हैं।

जीवनशैली की सलाह

  • नमी और अस्वच्छता की वजह से मॉनसून में आपके शरीर की रक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। यह कुछ खास उपाय हैं जिनसे आप बीमार होने से बच सकते हैं:
  • दिन में ना सोएँ चूंकि इससे पाचन धीमा होता है और पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है जो कि इस मौसम में बिगड़े हुए वात की वजह से पहले से ही कमजोर रहता है।
  • गीली सतह पर ना चलें और अपने पैरों को सूखा रखें
  • घर में एक मुट्ठी नीम की सूखी पत्तियों को जलाकर उसका धुआँ करें। इससे आपके घर में छिपे हानिकारक कीड़े-मकोड़ों से आपको छुटकारा मिलेगा।
  • गर्म पानी पिएँ, खासकर उबलते हुए पानी में एक चुटकी अदरक पाउडर को मिलाकर।
  • अगर भीग गए हों तो एक कप अदरक-पुदीना या तुलसी-अदरक की चाय पिएँ। इससे आपको गर्मी मिलेगी और अस्थमा, खांसी और सर्दी से बचे रहेंगे।

आहार की सलाह

  • इस मौसम में सलाद, कच्ची, बिना पकी हुई पत्तेदार सब्जियों से बचें
  • खाना खाने से पहले अदरक का एक छोटा टुकड़ा सेंधा नमक के साथ खाएँ
  • पानी को उबालकर फिर उसे ठंडा करके पिएँ
  • देर से पचने वाले आहार से बचें जैसे माँसाहार, दही, पैकेटबंद खाना, फलियाँ और तला हुआ व्यंजन।

जीवा की खास सलाह

बजाए दूध के, खाने के बाद छाछ का सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद बारिश के मौसम में पंचकर्म उपचार की भी सलाह देता है,चूंकि साल के इस समय में त्वचा के रोमछिद्र खुले रहते हैं और इस उपचार का ज्य़ादा फ़ायदा मिलता है। अपनी जीवन शक्ति, ताकत और रक्षा प्रणाली को दोबारा मज़बूत बनाने के लिए आज ही जीवा से ‘पंचकर्म उपचार’ लें।

Top Ayurveda Doctors

Social Timeline

Related Disease

Our Happy Patients

  • Sunita Malik - Knee Pain
  • Abhishek Mal - Diabetes
  • Vidit Aggarwal - Psoriasis
  • Shanti - Sleeping Disorder
  • Ranjana - Arthritis
  • Jyoti - Migraine
  • Renu Lamba - Diabetes
  • Kamla Singh - Bulging Disc
  • Rajesh Kumar - Psoriasis
  • Dhruv Dutta - Diabetes
  • Atharva - Respiratory Disease
  • Amey - Skin Problem
  • Asha - Joint Problem
  • Sanjeeta - Joint Pain
  • A B Mukherjee - Acidity
  • Deepak Sharma - Lower Back Pain
  • Vyjayanti - Pcod
  • Sunil Singh - Thyroid
  • Sarla Gupta - Post Surgery Challenges
  • Syed Masood Ahmed - Osteoarthritis & Bp

Treatment for other disease

Book Free Consultation Call Us