Diseases Search
Close Button
 
 

मानसून में सेक्स ड्राइव कम होना क्या सामान्य है? जानिए आयुर्वेद में बताया गया मन-मौसम का संबंध

Information By Dr. Keshav Chauhan

भारत में यौन स्वास्थ्य के क्षेत्र में चिंताजनक आँकड़े सामने आते रहे हैं। उदाहरण के लिए, एक अध्ययन के अनुसार, यौन विकार भारतीय जनसंख्या में लगभग 22% से 76% तक पाए जाते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यौन स्वास्थ्य किसी व्यक्तिगत मुद्दे से कहीं ज़्यादा समाज और जीवनशैली से जुड़ा हुआ है।

और यह स्थिति केवल महामारी या असाध्य कारणों से नहीं बदली; COVID‑19 के दौरान हाल ही में किये गए एक सर्वे में भी यह पाया गया कि 27 % लोगों ने यौन क्रिया में कमी या यौनता संबंधी परेशानियाँ झेली थीं।

जब सामान्य समय में भी यौन स्वास्थ्य कई चुनौतियों से घिरा हो, तो मानसून में सेक्स ड्राइव कम होना क्या वास्तव में आपको असामान्य लगेगा? इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि आखिर मानसून में वाकई सेक्स ड्राइव क्यों प्रभावित हो सकती है, और आयुर्वेद इसमें आपको क्या समझदारी से रास्ता सुझाता है।

मानसून में सेक्स ड्राइव कम क्यों हो जाती है? (Why Does Sex Drive Decrease During Monsoon?)

मानसून का मौसम कई तरह से आपके शरीर और मन को प्रभावित करता है। बाहर की नमी, तापमान में बदलाव और धूप की कमी सिर्फ़ आपकी दिनचर्या ही नहीं बदलते, बल्कि आपके मूड और यौन इच्छा पर भी असर डालते हैं।

मौसम का शरीर और मन पर असर

बरसात में हवा में नमी बढ़ जाती है और तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव होता है। इससे शरीर का पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और थकान जल्दी महसूस होने लगती है। नमी के कारण शरीर भारी लग सकता है, जिससे आपका मूड भी सुस्त हो जाता है।

मानसून में वात दोष बढ़ना, पाचन शक्ति और ऊर्जा में कमी 

आयुर्वेद के अनुसार, मानसून में वात दोष बढ़ता है। यह दोष बढ़ने से शरीर में सूखापन, गैस, जोड़ों में दर्द और मानसिक बेचैनी हो सकती है। साथ ही, पाचन शक्ति (अग्नि) कमज़ोर हो जाती है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती। जब शरीर थका और कमज़ोर महसूस करता है, तो स्वाभाविक रूप से यौन इच्छा भी कम हो जाती है।

इम्यूनिटी और हार्मोनल बैलेंस पर प्रभाव 

बरसात के समय इम्यूनिटी कमज़ोर हो जाती है। इसके साथ ही हार्मोन का संतुलन भी प्रभावित होता है, खासकर वो हार्मोन जो मूड और यौन इच्छा को नियंत्रित करते हैं, जैसे डोपामिन और टेस्टोस्टेरोन। जब यह संतुलन बिगड़ता है, तो सेक्स ड्राइव पर भी सीधा असर पड़ता है।

क्या मानसून में सेक्स ड्राइव कम होना सामान्य है? (Is it Normal to Have a Low Sex Drive During the Monsoon?)

अगर आपको मानसून में यौन इच्छा पहले से कम महसूस हो रही है, तो यह अक्सर एक सामान्य मौसमी बदलाव होता है।

आयुर्वेद में मानसून को वर्षा ऋतु कहा जाता है। इस समय शरीर की ताकत सबसे कमज़ोर मानी जाती है। कारण है मौसम की नमी, पाचन शक्ति में गिरावट और वात दोष का बढ़ना। जब ताकत और ऊर्जा कम होती है, तो स्वाभाविक रूप से यौन इच्छा भी कम हो जाती है।

जैसे सर्दियों में ऊर्जा और ताकत बढ़ जाती है और गर्मियों में घट जाती है, वैसे ही मानसून में भी शरीर अपनी ऊर्जा बचाने की कोशिश करता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और आपके शरीर का तरीका है खुद को मौसम के बदलाव से सुरक्षित रखने का।

कब यह सामान्य माना जाए और कब डॉक्टर से सलाह लें 

अगर यह बदलाव सिर्फ़ मानसून में ही महसूस हो और बाकी मौसम में आपकी यौन इच्छा सामान्य हो, तो आमतौर पर यह चिंता की बात नहीं है। लेकिन अगर यह कमी लंबे समय तक बनी रहे, या इसके साथ अन्य लक्षण जैसे लगातार थकान, वज़न में तेज़ी से बदलाव, या मूड में गिरावट महसूस हो, तो जीवा के आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर है।

मानसून में आपके शरीर में कौन-कौन से बदलाव सेक्स ड्राइव को प्रभावित करते हैं? (What Changes in Your Body Affect Your Sex Drive During Monsoon?)

बरसात के मौसम में कई शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं, जो आपके यौन स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं।

  • कम धूप और ज़्यादा नमी का असर
    मानसून में सूरज की रोशनी कम मिलने से शरीर में विटामिन D का स्तर गिर सकता है। यह हार्मोनल स्वास्थ्य और मूड दोनों के लिए ज़रूरी है। साथ ही, नमी से पसीना और चिपचिपापन बढ़ जाता है, जिससे आप असहज महसूस कर सकते हैं और अंतरंग होने का मन (intimacy) कम कर सकता है।

  • थकान, सुस्ती, जोड़ों का दर्द, मानसिक बेचैनी
    वात दोष बढ़ने से जोड़ों में जकड़न या दर्द, गैस और सुस्ती महसूस हो सकती है। लगातार थकान और बेचैनी आपको शांत होने से रोकती है, जिससे सेक्स ड्राइव घट सकती है।

  • हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर पर असर
    मौसम के बदलाव का असर सिर्फ़ शरीर पर नहीं, बल्कि दिमाग पर भी पड़ता है। मानसून में कई लोगों में सेरोटोनिन (mood-boosting chemical) का स्तर गिर जाता है, जिससे मूड डाउन हो सकता है। साथ ही, टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे यौन हार्मोन का संतुलन भी हल्का बदल सकता है, जो यौन इच्छा को सीधे प्रभावित करता है।

आयुर्वेद में मानसून और यौन स्वास्थ्य का क्या संबंध बताया गया है? (What is the Relation Between Monsoon and Sexual Health as per Ayurveda?)

आयुर्वेद के अनुसार हर ऋतु का प्रभाव आपके शरीर और मन पर अलग-अलग रूप में पड़ता है। मानसून को वर्षा ऋतु कहा जाता है, और यह समय वात दोष के बढ़ने, पाचन शक्ति के कमज़ोर होने तथा शरीर की बल-क्षमता घटने का होता है।

ऋतुचर्या का महत्व

ऋतुचर्या का अर्थ है मौसम के अनुसार अपनी दिनचर्या और आदतों को ढालना। आयुर्वेद मानता है कि यदि आप ऋतु के अनुरूप आहार, व्यवहार और दिनचर्या अपनाते हैं तो अनेक रोगों से बचा जा सकता है। वर्षा ऋतु में शरीर की ऊर्जा और रोग-प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है, इसलिए इस समय यौन क्रिया में संयम रखना हितकर माना गया है।

बल, ओजस और शुक्र/आर्तव की भूमिका 

बल यानी शरीर की शक्ति, वर्षा ऋतु में सबसे कम होती है। ओजस वह सूक्ष्म शक्ति है जो आपको स्वस्थ, ऊर्जावान और यौन रूप से समर्थ बनाती है। जब पाचन और शक्ति कमज़ोर होती है, तो ओजस भी प्रभावित होता है। शुक्र (पुरुषों में) और आर्तव (महिलाओं में) प्रजनन से जुड़ी ऊर्जा और रस हैं, जिनका पोषण संतुलित आहार और जीवनशैली से होता है। वर्षा ऋतु में इनका पोषण कम हो सकता है, जिससे यौन इच्छा घट सकती है।

आयुर्वेद के अनुसार वर्षा ऋतु में यौन संबंध पूर्णतः निषिद्ध नहीं हैं, परंतु संयम आवश्यक है।

मानसून में सेक्स ड्राइव बनाए रखने के लिए क्या आहार और आदतें अपनानी चाहिए? (What Diet and Daily Habits Should You Adopt to Maintain Sex Drive in Monsoon?)

अगर आप चाहते हैं कि मानसून में भी आपकी यौन ऊर्जा बनी रहे, तो आपको अपने खाने-पीने और आदतों में थोड़ा बदलाव करना होगा।

  • हल्का, सुपाच्य और गर्म भोजन
    इस मौसम में ताज़े और हल्के भोजन का सेवन करें। गर्म सूप, मूंग दाल, लौकी-तोरी जैसी सब्ज़ियाँ और अदरक-लहसुन वाला खाना आपके शरीर को ताकत देता है। ठंडी, तली-भुनी और ज़्यादा तैलीय चीज़ों से बचें।

  • बल और यौन स्वास्थ्य बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ
    आयुर्वेदिक दृष्टि से अश्वगंधा, शतावरी, खजूर, तिल, इलायची, जायफल, और घी जैसे खाद्य पदार्थ शारीरिक ताकत और यौन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। पुरुष अश्वगंधा और कपिकच्छु ले सकते हैं, वहीं महिलाएँ शतावरी और घी-गुड़ का सेवन कर सकती हैं।

  • तैलीय मालिश, योग और प्राणायाम
    स्नान से पहले तिल के तेल या औषधीय तेल से मालिश (अभ्यंग) करें। यह रक्तसंचार बढ़ाता है और वात दोष को शांत करता है। योगासन जैसे वज्रासन, भुजंगासन, और सेतु बंधासन तथा प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी मन को शांत करते हैं और यौन स्वास्थ्य को सहारा देते हैं।

मानसून में यौन संबंध बनाते समय किन बातों का ध्यान रखें? (What Things Should be Kept in Mind While Being Intimate During Monsoon?)

बरसात के मौसम में यौन संबंध बनाते समय कुछ सावधानियाँ अपनाना ज़रूरी है, ताकि आप और आपका साथी दोनों स्वस्थ रहें।

  • स्वच्छता और संक्रमण से बचाव
    नमी और पसीने के कारण इस मौसम में बैक्टीरिया और फंगस तेज़ी से फैलते हैं। स्नान के बाद शरीर और विशेषकर जननांग क्षेत्र को पूरी तरह सुखाएँ। भीगे या पसीने वाले कपड़े तुरंत बदलें। सूती और ढीले कपड़े पहनें। महिलाएँ अत्यधिक धुलाई से बचें और पुरुष नियमित रूप से साफ-सफाई रखें।

  • मानसिक जुड़ाव और आराम का महत्व
    मानसून में थकान और सुस्ती ज़्यादा होती है, इसलिए जल्दीबाजी या मजबूरी में संबंध न बनाएँ। मन और शरीर दोनों को शांत रखें, एक-दूसरे से खुलकर बात करें और भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखें।

कब कम सेक्स ड्राइव चिंता की बात हो सकती है? (When Can a Low Sex Drive be a Matter of Concern?)

मानसून में यौन इच्छा कम होना अक्सर एक सामान्य मौसमी बदलाव है, लेकिन यह हमेशा सामान्य नहीं होता। कुछ स्थितियों में यह आपके स्वास्थ्य की गहरी समस्या का संकेत भी हो सकता है।

  • लंबे समय तक इच्छा न रहना
    अगर मानसून खत्म होने के बाद भी कई महीनों तक आपकी यौन इच्छा बहुत कम या बिल्कुल न हो, तो यह सामान्य नहीं है। लंबे समय तक ऐसा रहना हार्मोनल असंतुलन, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं (जैसे डिप्रेशन या चिंता), या किसी अन्य बीमारी का संकेत हो सकता है।

  • थकान, दर्द, या संक्रमण के लक्षण
    यदि यौन इच्छा की कमी के साथ लगातार थकान, शरीर में दर्द, बुखार, या जननांग क्षेत्र में जलन, खुजली, बदबू या असामान्य स्राव जैसे लक्षण हों, तो यह संक्रमण या किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में देरी न करें और तुरंत इलाज करवाएँ।

निष्कर्ष (Conclusion)

बरसात का मौसम रोमांस के लिए जाना जाता है, लेकिन इस समय आपका शरीर अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। नमी, कम धूप, और पाचन शक्ति में गिरावट आपके मूड और ऊर्जा दोनों को प्रभावित कर सकती है, जिससे सेक्स ड्राइव में कमी आना स्वाभाविक है। अगर आप अपनी दिनचर्या, आहार और आदतों में थोड़ा बदलाव करें, तो इस मौसम में भी आप अपने यौन जीवन को संतुलित और सुखद बनाए रख सकते हैं।

अपने स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए आज ही हमारे प्रमाणित जीवा डॉक्टर से संपर्क करें। कॉल करें: 0129-4264323

FAQs

क्या मानसून में सेक्स ड्राइव कम होना सामान्य है?
हाँ, मानसून में शरीर की ऊर्जा और हार्मोनल संतुलन प्रभावित होते हैं, जिससे इच्छा कम हो सकती है। यह मौसमी बदलाव सामान्य है, बशर्ते यह लंबे समय तक न रहे।

क्या मानसून में कम सेक्स ड्राइव का इलाज संभव है?
जी हाँ, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, तनाव नियंत्रण, योग और आयुर्वेदिक औषधियों से आप मानसून में भी अपनी सेक्स ड्राइव को बेहतर बना सकते हैं।

क्या मानसून में यौन इच्छा घटने का कारण केवल मौसम है?
नहीं, मौसम एक कारण है, परंतु मानसिक तनाव, थकान, पाचन की कमज़ोरी और संबंधों में भावनात्मक दूरी भी इच्छा घटाने में भूमिका निभा सकते हैं।

क्या मानसून में अधिक संबंध बनाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
हाँ, इस मौसम में अत्यधिक संबंध से थकान, कमज़ोरी और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। संयम बरतना और शरीर की स्थिति के अनुसार आगे बढ़ना बेहतर है।

क्या मानसून में सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए विशेष आहार लेना चाहिए?
जी हाँ, गर्म, सुपाच्य और ऊर्जा देने वाला भोजन जैसे मूंग दाल, अदरक, लहसुन, घी, खजूर और अश्वगंधा जैसे औषधीय जड़ी-बूटियाँ लाभकारी माने जाते हैं।

क्या मानसून में मानसिक स्वास्थ्य भी सेक्स ड्राइव को प्रभावित करता है?
हाँ, मानसून में कम धूप और नमी मूड को प्रभावित कर सकती है, जिससे इच्छा घट सकती है। सकारात्मक सोच और भावनात्मक जुड़ाव इसे सुधारने में मदद करते हैं।

Top Ayurveda Doctors

Social Timeline

Our Happy Patients

  • Sunita Malik - Knee Pain
  • Abhishek Mal - Diabetes
  • Vidit Aggarwal - Psoriasis
  • Shanti - Sleeping Disorder
  • Ranjana - Arthritis
  • Jyoti - Migraine
  • Renu Lamba - Diabetes
  • Kamla Singh - Bulging Disc
  • Rajesh Kumar - Psoriasis
  • Dhruv Dutta - Diabetes
  • Atharva - Respiratory Disease
  • Amey - Skin Problem
  • Asha - Joint Problem
  • Sanjeeta - Joint Pain
  • A B Mukherjee - Acidity
  • Deepak Sharma - Lower Back Pain
  • Vyjayanti - Pcod
  • Sunil Singh - Thyroid
  • Sarla Gupta - Post Surgery Challenges
  • Syed Masood Ahmed - Osteoarthritis & Bp
Book Free Consultation Call Us