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हड्डियों की गाँठ या बोन स्पर्स के हड्डियों के बढ़ने की समस्या को कहा जाता है, ज़्यादातर हड्डियों के जोड़ों वाली जग़ह जैसे कि घुटनों, ऐड़ियों या फिर रीढ़ की हड्डी के जोड़ में ये समस्या देखने को मिलती है। इस तरह से हड्डियों का अधिक बढ़ना बोन स्पर्स या फ़िर हड्डियों की गाँठ की समस्या को जन्म दे सकता है, जो कि हड्डियों में दर्द और तनाव का अनुभव करता है। हड्डियों के गाँठ की समस्या तब और ज़्यादा दर्द और तकलीफ़ देती है जब ये अधिक उम्र वाले लोगों को होती है। जोड़ों में तथा उसके आस-पास की हड्डियों में होने वाला दर्द और गाँठ, अंगो को हिलाने में तकलीफ़, चलने पर घुटनों में दर्द, हाथों और पैरों में कमज़ोरी का अनुभव आदि समस्याओं को इसका मुख्य लक्षण माना गया है।
इस रोग का पहचान करना काफ़ी मुश्किल काम होता है कई बार कई सालों तक इसका पता नहीं चल पाता है वहीं कई बार सिर्फ़ एक एक्सरे में ही इस समस्या का पता चल जाता है, इस रोग के बारे में डॉक्टरों और मेडिकल के क्षेत्र से जुड़े लोगों का भी ये मानना है कि हड्डियों के गाँठ की समस्या का जल्दी पता नही लगाया जा सकता है। हालाँकि एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए ख़ुद को स्वस्थ रखना तथा आयुर्वेद द्वारा बताए गए कुछ नियमों का पालन कर के आप हड्डियों के गाँठ और बोन स्पर्स की समस्या से बचे रह सकते हैं।
हड्डियों के गाँठ को ख़त्म करने के लिए बहुत सी आयुर्वेदिक औषधियाँ मौजूद हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस तरह की हड्डियों स जुड़ी समस्या का मूल कारण वात दोष है। आयुर्वेद के अनुसार नंगे पैरों से अत्यधिक दूरी तक चलना, रात में देर तक जागना, सूखे फलों का सेवन, मानसिक तनाव तथा अत्यधिक यात्रा करना शरीर मे वात दोष को बढ़ावा देते हैं। अतः आयुर्वेद के अनुसार इस वात दोष से बचे रहने के लिए इन सभी कामों को नजरअंदाज करने की सलाह दी जाती है, इसके साथ ही आपको आयुर्वेद द्वारा बताये गए कुछ प्राकृतिक इलाज़ को भी आज़माना चाहिए।
आयुर्वेदिक नुस्खों में से दो सबसे बेहतर नुस्ख़े- हल्दी और जवस में बहुत ही बेहतरीन औषधीय और रोगप्रतिरोधी गुण पाया जाता है, इसलिए इसे बोन स्पर्स अथवा हड्डियों के गाँठ के इलाज़ के लिए सबसे बेहतर औषधि के रूप में जाना जाता है। एक वैज्ञानिक शोध में भी इस बात लो सिद्ध किया जा चुका है कि इस एशियाई दवा का 500-1000mg के डोज़ को लगातार 6 हफ़्तों तक लेने से बोन स्पर्स अथवा हड्डियों के गाँठ की समस्या को ख़त्म किया जा सकता है।
इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति बोन स्पर्स से राहत पाने के लिए आयुर्वेदक इलाज़ विधि जैसे कि अग्निकर्म, लेप, उपनहा तथा धन्यमला स्वेद आदि का भी उपयोग इससे राहत पाने के लिए कर सकता है। इसके साथ ही रोज़ाना महानारायण तेल, धनवन्तरा तेल या फिर अन्य किसी आयुर्वेदिक तेल से जोड़ के दर्द वाली जग़ह पर मसाज़ करने से भी इसके दर्द से राहत पायी जा सकती है।
वहीं मुख्य रूप से एड़ी के हड्डियों की गाँठ से राहत पाने के लिए आप इस पर लहसुन के पेस्ट का लेप लगाकर अरण्डी के पत्ते से ढँक दें। ये एड़ी के जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने के लिए प्रचलित आयुर्वेदिक घरेलू नुस्ख़ा है। आयुर्वेद इस तरह के किसी भी रोग के जड़ तक पहुँच कर उसके मूल कारण को जानने का प्रयास करता है इसके बाद उस समस्या को जड़ से ख़त्म करने में विश्वास रखता है। अतः आप इस तरह की समस्याओं और अधिक जानकारी उम्र की तकलीफ़ से राहत पाने के लिए आयुर्वेद को अपने रोज़ाना के जीवन मे शामिल करें।
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