Diseases Search
Close Button

क्या आप हाई ब्लड प्रेशर को लेकर परेशान हैं? आज ही अपनी जीवनशैली पर ध्यान दें!

Search Icon
  • Home/ Blog/ क्या आप हाई ब्लड प्रेशर को लेकर परेशान हैं? आज ही अपनी जीवनशैली पर ध्यान दें!

आज की पीढ़ी के ज्यादातर लोगों को इस जरूरी शिक्षा के बगैर बड़ा किया गया है कि आखिर शरीर कैसे काम करता है या शारीरिक और मानसिक रूप से इसके लिए क्या फायदेमंद और हानिकारक है। नतीजतन, हम ये नहीं जानते कि कैसे जीवन में खुशी पाने के लिए हमें रोगों को दूर रखना है। इसका साफ मतलब है कि हमारे पास एक शरीर तो है, लेकिन इसका ख्याल कैसे रखना है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

यह वास्तव में ठीक वैसा ही है कि हम एक नई कार खरीदकर बिना उसके मैनुअल बुक पढ़े या निर्देशों को समझे स्टीयरिंग संभालने लगे यानि कार चलाने लगे। ये जाने बगैर कि कार कैसे चलती है, आप लंबे समय तक कार की परफोर्मेंस यानि उसकी खूबियों को बनाए रखने में सक्षम नहीं होंगे। थोड़ा पहले या बाद में ही सही पर कार के टूटने या खराब होने के संकेत दिखने शुरू हो जाएंगे बाहर से भी और अंदर से भी। जब तक आप इसकी मरम्मत पर बहुत पैसे खर्च नहीं कर देते तब तक कार खूबियों का आनंद नहीं ले पाएंगे। ये आखिरकार एक बीमार शरीर की तरह बन जाता है जिससे जिंदगी के दिए गए फायदों या यूं कहें कि लाभ का आनंद नहीं मिल पाता है। एक कार की तुलना में मानव शरीर कहीं अधिक जटिल और मूल्यवान वाहक है। जब कार एक बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है तो आप उसे हटाकर दूसरी नई कार खरीद लेते हैं, लेकिन शरीर के मामले में ऐसा करना संभव नहीं है। दुर्भाग्यवश, हम में से कई अपनी सेहत की देखभाल करने के बजाय, कारों की सफाई और रख-रखाव को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं।

विश्वभर में तेजी से बढ़ रही समस्या है हाई ब्लड प्रेशर

  • डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर (एचबीपी) के 60 करोड़ मरीजों पर दिल का दौरा पड़ने , आघात और दिल की धड़कन रूकने का खतरा मंडरा रहा है।

  • दुनिया भर में, हाई ब्लड प्रेशर से 7.1 मिलियन लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया है, यानि ये आंकड़ा विश्वभर में होने वाली मौतों का कुल 13 प्रतिशत है।

  • डब्ल्यूएचओ के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में किया शोध ये बताता है कि हाई ब्लड प्रेशर के कारण लगभग 62 प्रतिशत आघात की समस्या और 4 9 प्रतिशत दिल का दौरा पड़ने की समस्या होती है।

  • हाई ब्लड प्रेशर के कारण दुनिया भर में एक साल में 5 मिलियन लोग समय से पहले मर जाते हैं।

  • एक अध्ययन के अनुसार साल 2025 तक 1.56 बिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हो जाएंगे।

  • पिछले एक दशक में, हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित अमेरिकियों की संख्या में 30% की वृद्धि हुई है। 20 साल और उससे अधिक उम्र के 73 मिलियन से अधिक अमेरिकी (हर 3 वयस्कों में से 1) हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं।

  • एशिया में, आघात से होने वाली मौतों के दर में भारी वृद्धि के साथ हाई ब्लड प्रेशर के प्रसार में तेजी से वृद्धि हुई है। आंकड़े बताते हैं कि चीन में, 1 99 5 और 2025 के बीच हाई ब्लड प्रेशर पीड़ितों की संख्या 18.6 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगी। वहीं भारत में, ये आंकड़ा 16.3 प्रतिशत से 19.4 प्रतिशत के बीच का रहेगा।

किसी चीज को नजरअंदाज करना हमेशा ठीक नहीं होता। अपने शरीर की अनदेखी करके, हर स्तर पर यानि शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तर पर समस्याओं को आमंत्रित कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में चेतावनी दी है कि 270 मिलियन से अधिक लोग खराब जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम जैसा जीवन जी रहे है वो प्रकृति से कोसों दूर है।

पृथ्वी के साथ सामंजस्य बिठाने के बजाय, हम इंसान की बनाई चीजों को ज्यादा प्राथमिकता देने लगे हैं, जो मन और शरीर के संतुलन को बिगाड़ देता है। हमारे पास नाश्ता तैयार करने का समय नहीं है,हम दोपहर के भोजन में फास्ट फूड ऑफिस की मेज पर ही खा लेते हैं और रात के खाने में पहले से बना-बनाया खाना टीवी के सामने बैठकर खाते हैं । हम घर, कार, ऑफिस और यहां तक कि सार्वजनिक परिवहन में एयर कंडीशनिंग (वातानुकूलित हवा) के बिना नहीं रह पाते हैं। गैजेट्स ने हमारे जीवन पर इतना कब्जा कर लिया है कि हम प्रियजनों से व्यक्तिगत तौर पर मिलने या उनके साथ समय बिताने से ज्यादा ईमेल या एसएमएस के माध्यम से उनसे बातचीत करना पसंद करते हैं।

तकनीक पर बहुत ज्यादा निर्भर रहना, इसके साथ ही बिगड़ते रिश्तों ने हमारे जीवन को बेकार और उदास छोड़ दिया है। इसलिए, आज के समय की भौतिक सुख -सुविधाओं के बावजूद, आज ज्यादातर लोग तनावग्रस्त और दुखी हैं। जीवन में आए इस असंतुलन की हमें लत लग गई है, जो हमें बीमार कर रहा है और अनुमानित जीवनकाल से बहुत पहले हमें मौत के करीब ले जार रहा है।

फिर तो मधुमेह, मोटापे, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय विकार, कैंसर, लिवर सिरोसिस, आघात और तनाव जैसी समस्याओं की शिकार हमारी पीढ़ी को देखकर कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। भले ही आधुनिक चिकित्सा ने इन बीमारियों को नियंत्रित करने में बड़ी प्रगति की है, लेकिन इससे केवल उनके लक्षणों के उपचार में सफलता मिली है, ना कि बीमारियों को जड़ से ठीक करने में। यही नहीं, कड़ी और भारी दवाइयों के निरंतर उपयोग ने अधिकांश मरीजों को रसायनों पर निर्भर बना दिया है, जिससे उनकी रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो गई है।

इसकी वजह से लोग विकल्प के तौर पर दूसरे उपचार की तलाश करने के लिए मजबूर हो गए हैं जो उनकी समस्याओं से लंबे समय तक उन्हें राहत दिला सके। इन समस्याओं का समाधान आयुर्वेद में छिपा है, जो उपचार के प्राचीन विज्ञान में है जो स्वयं को अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और दीर्घायु के मौलिक सिद्धांतों से संबोधित करता है। इस सभी समस्या का समाधान आयुर्वेद में छिपा है, जोकि उपचार का वो पुराना विज्ञान है जिसका सिद्धांत है अच्छा

स्वास्थ्य, खुशी और दीर्घायु।

इस लेख के माध्यम से, हम आपका ध्यान हाई ब्लड प्रेशर की तरफ ले जाना जाते हैं जो एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को धीरे धीरे मौत के करीब ले जाती है और जो विश्वभर के 15-37 प्रतिशत वयस्क आबादी को प्रभावित करता है। उच्च रक्तचाप की समस्या बेहद खतरनाक है क्योंकि, यदि समय पर इसको नहीं पकड़ा गया और इसका इलाज नहीं किया गया, तो ये चुपचाप गंभीर जटिलताओं का कारण बन जाता है जो हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की विफलता और मोटापे को जन्म दे देता है।

क्या है हाई ब्लड प्रेशर?

हाई ब्लड प्रेशर का मतलब होता है धमनियों में रक्त का ऊंचा दबाव। ब्लड प्रेशर में वृद्धि किसी व्यक्ति की आयु, लिंग, शारीरिक और मानसिक गतिविधियों, परिवार के इतिहास और आहार पर निर्भर होती है। एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति का सामान्य ब्लड प्रेशर 120 एमएमएचजी सिस्टोलिक (ब्लड प्रेशर नापने का पैमाना) और 80 एमएमएचजी डायस्टोलिक (ब्लड प्रेशर नापने का पैमाना) होता है। दो प्रमुख कारकों से ये स्थिति होती है जो या तो स्वतंत्र रूप से या एक साथ हो सकती है।

  • धमनियों के संकीर्ण हो जाने के परिणामस्वरूप रक्त धमनियों की दीवारों पर अधिक दबाव डालता है

  • दिल बहुत ज्यादा बल के साथ रक्त को प्रवाहित करता है

हाई ब्लड प्रेशर के शायद ही कोई लक्षण होते हैं; ब्लड प्रेशर की नियमित अंतराल जांच की जानी चाहिए ताकि समस्या का निदान समय पर हो सके। हां कुछ ऐसे लक्षण हो सकते हैं जैसे गर्दन के पीछे दर्द होना (सरवाइकल पेन होना), थकान, धकधकी होना और चक्कर आना।

हाई ब्लड प्रेशर के कारण

अस्वस्थ भोजन, आसान और आलस से भरी जीवनशैली आज के वक्त में हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य कारण हैं। ज्यादातर खाने-पीने की चीजें - फास्ट फूड या रसायनों के साथ पैक किए गए खाने-पीने के सामान शरीर में पाचन से जुड़ी समस्याएं पैदा करते हैं।

अपच के कारण शरीर में कई तरह के विषैले तत्व पैदा कर देता है जिससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। जो भोजन हम करते हैं वो शरीर की पाचन आग्नि जिसे जठारग्नि कहते है उसके द्वारा पचाई जाती है ताकि पोषक तत्व बन सकें। ये पोषक तत्व शरीर के ऊतकों को पोषण देते हैं और साफ और स्वस्थ खून के बनने में मददगार होते हैं, जो पूरे शरीर में विभिन्न स्रोतों के जरिए से फैलता है।

मगर जब खाना पचने में समस्या आती है तब पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं और विषैले पदार्थ बनने लगते हैं। ये अमा यानि विषैले पदार्थ जीवाणुओं के साथ मिलकर इसे समा बना देते हैं या भारी बना देते हैं। नतीजतन, इस प्रकार से बना खून भी भारी या चिपचिपा हो जाता है। ये भारी या चिपचिपा खूना यानि अशुद्धियों से भरा हुआ खून विभिन्न स्रोतों के माध्यम से फैलता है और विषैले पदार्थ शरीर के कमजोर इलाकों में जमा हो जाते हैं। जब ये दिल की धमनियों में जमा होते हैं, तो ये विषैले पदार्थ स्रोतों को छोटा यानि संकीर्ण बना देते हैं।इसलिए खून को इन स्रोतों या धमनियों द्वारा फैलने के लिए अधिक दबाव बनान पड़ता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति बन जाती है। इसके अलावा तनाव, चिंता और नकारात्मक मानसिक भावनाएं भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती हैं। परिवार में पहले से बीपी की समस्या का होना, मोटापा, व्यायाम की कमी, घी-तेल का ज्यादा और फाइबर युक्त आहार का कम सेवन, चाय, कॉफी और तली-भुनी चीजों का ज्यादा सेवन भी हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.

SHARE:

TAGS:

Related Disease

Signup For Jiva Newsletter

Subscribe to the monthly Jiva Newsletter and get regular updates on Dr Chauhan's latest health videos, health & wellness tips, blogs and lots more.

Please fill your Name
Please fill your valid email
Book Free Consultation Call Us