जोड़ों के दर्द को दूर करने के 5 आसान नुस्खे:
मालिश:
आयुर्वेद के अनुसार, वात दोष के बढ़ने के कारण जोड़ों में कई प्रकार की समस्याएँ आने लगती हैं, जो कि आयुर्वेदिक तेलों की मालिश के द्वारा ठीक की जा सकती है। आयुर्वेदिक मसाज जड़ी-बूटियों से बने तेल व लेप को दर्द वाली जगह में लगाकर की जाती है, जिससे दर्द के साथ-साथ सूजन भी जल्द ही कम होने लगती है।
प्राकृतिक दर्द निवारकों का सेवन:
अलसी, अखरोट, आँवला, अदरक, तुलसी, हल्दी जैसे प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधियों में सूजन को रोकने वाले गुण होते हैं, जो प्रभावित जोड़ के दर्द और अकड़न से लड़कर आपको जल्दी आराम दिलाते हैं।
गर्माहट:
किसी प्रकार के तनाव या चोट के कारण होने वाले माँसपेशियों और जोड़ों के दर्द के लिए सरसों या सीसम के तेल के साथ एक चुटकी हल्दी मिलाकर उस जगह पर लगाने से तुरंत ही आराम मिलता है। इसकी मालिश के समय उत्पन्न होने वाली गर्माहट चोटिल जोड़ों के आस-पास की सूजन और दर्द दोनों को कम करती है।
योगासन और व्यायाम:
अपनी जीवनशैली में योग और व्यायाम की सरल क्रियाएँ जैसे, तैराकी, साइकिल चलाना, दौड़ना, स्ट्रेचिंग आदि जोड़कर आप स्वयं को तंदरुस्त, हड्डियों को मजबूत व शरीर को लचीला रख सकते हैं। आलस्य व उन्माद से भरी जीवनशैली का त्याग सुखद जीवन की तरफ पहला कदम है, जो कि आपको जोड़ों के दर्द से बचा सकता है।
पंचकर्म, एक बहुत ही असरदार आयुर्वेद प्रक्रिया:
पंचकर्म, जो कि एक आयुर्वेद उपाय है, सन्धिवात और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बीमारियों के निवारण के लिए बेहद असरदार है। स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखकर कोई भी इस प्रक्रिया का पालन कर सकता है, जिससे रोग के निवारण में न्यूनतम एक हफ्ता और अधिकतम एक महीना लग सकता है। इस प्रक्रिया में अभ्यंग, जनु बस्ती, उपानः /लेप, स्वेद, विरेचन, बस्ती और अग्निकर्म आदि का नियमित अभ्यास किया जाता है, जिससे आपको प्राकृतिक रूप से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।