भारत में हर आठ में से लगभग एक व्यक्ति यानी करीब 12% आबादी को जीवन में कभी न कभी किडनी स्टोन (मूत्र पथरी) की समस्या होती है। यह आँकड़ा दिखाता है कि यह सिर्फ एक आम परेशानी नहीं, बल्कि एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य चुनौती बन चुकी है — ख़ासकर उन लोगों के लिए जो दिनभर व्यस्त रहते हैं, कम पानी पीते हैं या अनियमित खानपान अपनाते हैं।
अगर आपको पेशाब करते समय जलन, अचानक तेज़ दर्द या खून दिखता है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपकी किडनी मदद के लिए संकेत भेज रही है। इस लेख में, आप जानेंगे कि कैसे आयुर्वेद और सरल घरेलू उपायों से बिना ऑपरेशन के किडनी स्टोन को दूर किया जा सकता है, और अपने गुर्दों को फिर से स्वस्थ और मज़बूत बनाया जा सकता है।
किडनी स्टोन क्या होता है और यह शरीर में कैसे बनता है?
किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मूत्र (यूरिन) में मौजूद खनिज और लवण धीरे-धीरे जमकर छोटे–छोटे कठोर टुकड़े बना लेते हैं। ये टुकड़े कभी-कभी रेत के दाने जितने छोटे होते हैं, तो कभी मटर या उससे भी बड़े आकार के हो सकते हैं। जब ये पथरी मूत्रमार्ग से होकर बाहर निकलने की कोशिश करती है, तब आपको तीव्र दर्द या जलन महसूस हो सकती है।
गुर्दे हमारे शरीर का फ़िल्टर होते हैं — ये खून से अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त नमक या पानी को निकालते हैं। लेकिन जब आप पर्याप्त पानी नहीं पीते या शरीर में कुछ खनिजों (जैसे कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड) की मात्रा ज़्यादा हो जाती है, तो ये पदार्थ एक-दूसरे से चिपककर क्रिस्टल (स्फटिक) बनाने लगते हैं। धीरे-धीरे ये क्रिस्टल इकट्ठे होकर पथरी का रूप ले लेते हैं।
किडनी स्टोन बनने के मुख्य कारण
- पानी की कमी (डिहाइड्रेशन): जब आप दिनभर में पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो मूत्र गाढ़ा हो जाता है और उसमें मौजूद लवण पत्थर का रूप लेने लगते हैं।
- अनियमित आहार: ज़्यादा नमक, चीनी, प्रोटीन और प्रोसेस्ड फूड खाना किडनी पर दबाव डालता है।
- विरासत (जेनेटिक कारण): अगर आपके परिवार में किसी को पथरी रही है, तो आपके लिए भी यह जोखिम बढ़ सकता है।
- बैठे-बैठे जीवनशैली: शारीरिक गतिविधि की कमी से भी शरीर में अपशिष्ट जमा होते हैं।
- गर्मी और पसीना: भारत जैसे गर्म देश में ज़्यादा पसीना निकलने पर शरीर में पानी की कमी होना आम है, जिससे स्टोन बनने का खतरा और बढ़ जाता है।
कल्पना कीजिए कि आपने दिनभर बहुत कम पानी पिया है। शरीर से निकलने वाला मूत्र कम हो गया है और गाढ़ा हो गया है। अब उसमें मौजूद कैल्शियम और अन्य लवणों को बाहर निकलने की जगह नहीं मिल रही। धीरे-धीरे ये एक-दूसरे से चिपकते हैं और छोटे-छोटे दाने बनने लगते हैं — यही किडनी स्टोन का आरंभ होता है।
भारत में इस समस्या की दर लगातार बढ़ रही है। उत्तर भारत में यह समस्या ज़्यादा देखी जाती है, जिसे अक्सर “स्टोन बेल्ट” कहा जाता है।
किडनी स्टोन के मुख्य प्रकार कौन-कौन से होते हैं?
हर किडनी स्टोन एक जैसा नहीं होता। पत्थरी के प्रकार को जानना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि उसी के अनुसार इलाज और खानपान तय होता है।
1. कैल्शियम स्टोन (Calcium Stones)
यह सबसे आम प्रकार है। जब मूत्र में कैल्शियम और ऑक्सालेट ज़्यादा मात्रा में होते हैं, तो ये मिलकर कठोर पथरी बना लेते हैं।
- आम कारण: नमक और ऑक्सालेट युक्त चीज़ें (जैसे पालक, चुकंदर, मेवे) ज़्यादा खाना, कम पानी पीना।
- रोकथाम: पर्याप्त पानी पिएँ और संतुलित मात्रा में कैल्शियम आहार से लें।
2. यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stones)
यह स्टोन तब बनता है जब मूत्र बहुत अम्लीय (acidic) हो जाता है।
- आम कारण: ज़्यादा रेड मीट, मछली या समुद्री भोजन खाना जिसमें प्यूरिन नामक पदार्थ ज़्यादा होता है।
- रोकथाम: पानी की मात्रा बढ़ाएँ और मीट या मछली का सेवन सीमित करें।
3. स्ट्रुवाइट स्टोन (Struvite Stones)
यह स्टोन अक्सर मूत्र संक्रमण (UTI) के बाद बनता है।
- यह तेज़ी से बढ़ता है और बड़ा आकार ले सकता है।
- अगर संक्रमण का इलाज समय पर न हो, तो यह ब्लॉकेज या गंभीर दर्द का कारण बन सकता है।
4. सिस्टीन स्टोन (Cystine Stones)
यह स्टोन बहुत दुर्लभ होता है और आमतौर पर विरासत में मिलता है।
- जब शरीर में “सिस्टीन” नामक अमीनो एसिड ज़्यादा मात्रा में यूरिन के साथ निकलता है, तो यह पत्थर बना लेता है।
- यह बार-बार दोहराने वाली पथरी का कारण बन सकता है।
क्यों ज़रूरी है पथरी का प्रकार जानना?
क्योंकि हर प्रकार की पथरी का इलाज और आहार अलग होता है। उदाहरण के लिए, कैल्शियम स्टोन में नमक और ऑक्सालेट घटाना होता है, जबकि यूरिक एसिड स्टोन में मांसाहार और अम्लीय खाद्य पदार्थ कम करने की ज़रूरत होती है। इसलिए, डॉक्टर द्वारा जाँच करवाना और सही प्रकार की पथरी पहचानना बेहद आवश्यक है।
किडनी स्टोन के लक्षण क्या होते हैं जिन्हें आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए?
किडनी स्टोन धीरे-धीरे बनती है, पर जब यह मूत्र मार्ग में फँस जाती है, तो इसके लक्षण बहुत दर्दनाक हो सकते हैं। अक्सर लोग शुरुआत में इसे मामूली पेट दर्द या गैस समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जो आगे चलकर गंभीर समस्या बन सकती है।
मुख्य लक्षण
- तेज़ या चुभने वाला दर्द:
यह दर्द अक्सर कमर, पीठ के निचले हिस्से या पेट के एक तरफ़ शुरू होता है और धीरे-धीरे जाँघ या जननांगों तक फैल सकता है।यह दर्द तरंगों की तरह आता-जाता है और बहुत तीव्र हो सकता है। - पेशाब में जलन या दर्द:
जब पथरी मूत्र मार्ग से गुजरती है, तो वह पेशाब के रास्ते को खुरच देती है, जिससे पेशाब करते समय जलन या दर्द होता है। - पेशाब में खून आना (हेमट्यूरिया):
मूत्र का रंग गुलाबी, लाल या भूरा दिखने लगे, तो यह पथरी के कारण हो सकता है। - बार-बार पेशाब आने की इच्छा:
आपको बार-बार पेशाब का अहसास हो सकता है, लेकिन हर बार बहुत कम मात्रा में पेशाब निकलता है। - मूत्र का रंग और गंध बदलना:
धुंधला या दुर्गंधयुक्त मूत्र कभी-कभी संक्रमण का संकेत देता है। - मतली और उल्टी:
किडनी स्टोन के कारण होने वाला दर्द अक्सर मतली और उल्टी के साथ आता है। - बुखार या कंपकंपी:
अगर पथरी के साथ संक्रमण भी हो जाए, तो शरीर बुखार और ठंड से प्रतिक्रिया देता है।
प्रो-टिप:
अगर आपको ऐसा दर्द महसूस हो जो पीठ से पेट या कमर तक फैलता है, और साथ में पेशाब में खून, जलन या मतली महसूस हो रही है, तो इसे “साधारण गैस या पेट दर्द” न समझें। यह किडनी स्टोन का संकेत हो सकता है। तुरंत आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लें, ताकि स्टोन बढ़ने से पहले ही उसका इलाज शुरू हो सके।
क्या किडनी स्टोन बिना ऑपरेशन के निकल सकता है?
कई लोग यह सोचते हैं कि किडनी स्टोन का इलाज केवल ऑपरेशन से ही संभव है, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता। अगर आपकी पथरी का आकार 4 मिलीमीटर (mm) से छोटा है, तो अक्सर यह अपने आप ही मूत्र के रास्ते बाहर निकल जाती है।
इस स्थिति में डॉक्टर आपको कोई तात्कालिक सर्जरी करने की बजाय, कुछ दिनों तक अपनी दिनचर्या और खानपान पर ध्यान देने की सलाह देते हैं, ताकि पथरी अपने आप निकल सके।
कब सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ती
- जब पथरी छोटी हो (4 mm से कम)।
- जब वह मूत्र प्रवाह को पूरी तरह अवरुद्ध नहीं कर रही हो।
- जब बुखार, संक्रमण या लगातार उल्टी जैसे गंभीर लक्षण न हों।
- जब दर्द दवा या घरेलू उपायों से नियंत्रित हो रहा हो।
इस स्थिति में आप घर पर कुछ सरल कदम अपनाकर पथरी को निकलने में मदद कर सकते हैं —
- दिनभर खूब पानी पीना (कम से कम 2.5 से 3 लीटर)।
- हल्की वॉक या सामान्य गतिविधियाँ जारी रखना।
- संतुलित, हल्का और कम नमक वाला आहार लेना।
अगर पथरी बड़ी है, या बार-बार संक्रमण हो रहा है, पेशाब में लगातार खून आ रहा है या दर्द असहनीय हो गया है, तो सर्जरी या लेज़र उपचार ज़रूरी हो सकता है। इसलिए अपनी स्थिति को नज़रअंदाज़ न करें और डॉक्टर से जाँच करवाएँ।
आयुर्वेद में छोटे और मध्यम आकार की पथरी को बिना ऑपरेशन के निकालने के कई प्राकृतिक तरीके बताए गए हैं, जो शरीर को भीतर से संतुलित करते हैं और पथरी बनने की जड़ पर काम करते हैं।
किडनी स्टोन के लिए सबसे असरदार घरेलू उपाय कौन-से हैं?
अगर आपकी पथरी छोटी है या शुरुआती अवस्था में है, तो आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से इसे बिना ऑपरेशन के निकाल सकते हैं। ये उपाय आपके शरीर को डिटॉक्स करते हैं और पथरी को घोलकर मूत्र के रास्ते बाहर निकालने में मदद करते हैं।
1. पानी का पर्याप्त सेवन
यह सबसे ज़रूरी उपाय है।
- दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी पिएँ।
- पानी मूत्र को पतला करता है और खनिजों को क्रिस्टल बनने से रोकता है।
- साफ़ या हल्के रंग का मूत्र इस बात का संकेत है कि आपका शरीर हाइड्रेटेड है।
2. नींबू पानी
नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड कैल्शियम स्टोन को तोड़ने और नई पथरी बनने से रोकने में मदद करता है।
- ताज़ा नींबू का रस एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में 2–3 बार पिएँ।
- चाहें तो इसे गुनगुने पानी में सुबह खाली पेट लें।
3. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
इसमें एसिटिक एसिड होता है जो पथरी को घोलने और दर्द कम करने में सहायक है।
- 1–2 चम्मच सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में एक बार पिएँ।
- ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में सेवन से एसिडिटी हो सकती है।
4. तुलसी का रस
तुलसी मूत्र को साफ करती है और पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ने में मदद करती है।
- तुलसी की पत्तियाँ चबाएँ या उनका रस निकालकर पिएँ।
- तुलसी की चाय भी रोजाना फायदेमंद रहती है।
5. अनार का जूस
अनार में एंटीऑक्सीडेंट और कसैले गुण होते हैं जो किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं।
- रोज़ाना एक गिलास ताज़ा अनार का रस पिएँ।
- इसके दाने खाना भी उतना ही लाभकारी है।
6. अजवाइन का रस
अजवाइन शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
- ताज़ी अजवाइन को पीसकर रस निकालें और रोज़ एक बार पिएँ।
7. राजमा शोरबा
राजमा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो मूत्रमार्ग को रिलैक्स करता है और पथरी को निकालने में मदद करता है।
- राजमा को उबालकर उसका शोरबा छान लें और दिन में एक बार पिएँ।
8. व्हीटग्रास जूस (गेहूँ के ज्वारे का रस)
यह मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है और शरीर को डिटॉक्स करता है।
- रोजाना 2–3 औंस (लगभग आधा कप) रस सुबह खाली पेट पिएँ।
ध्यान रखें: अगर घरेलू उपायों के बावजूद दर्द बढ़ रहा है, बुखार आ रहा है या पेशाब में खून दिखाई दे रहा है, तो देर न करें। तुरंत आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लें। घरेलू उपाय सहायक हैं, पर गंभीर स्थितियों में चिकित्सा की ज़रूरत होती है।
कौन-सी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ किडनी स्टोन को घोलने में मदद करती हैं?
आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियाँ बताई गई हैं जो किडनी स्टोन को धीरे-धीरे घोलकर मूत्र के रास्ते बाहर निकालने में मदद करती हैं। ये न केवल पथरी को तोड़ती हैं बल्कि गुर्दे को मज़बूत भी बनाती हैं ताकि भविष्य में पथरी दोबारा न बने। आइए, कुछ प्रमुख जड़ी-बूटियों को आसान भाषा में समझते हैं—
1. पुनर्नवा (Punarnava)
यह किडनी के लिए सबसे प्रसिद्ध औषधि है। पुनर्नवा मूत्र को अधिक मात्रा में निकालने में मदद करती है (मूत्रवर्धक) और सूजन घटाती है। इससे पथरी के छोटे टुकड़े आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
2. गोक्षुर (Gokshura)
गोक्षुर गुर्दे को साफ़ करता है और मूत्र प्रवाह को सामान्य बनाता है। यह मूत्रमार्ग की सूजन और दर्द को कम करने में उपयोगी है।
3. वरुण (Varuna) / वरुणादि क्वाथ
वरुण को “स्टोन ब्रेकर हर्ब” भी कहा जाता है। यह पथरी को घोलने में मदद करता है और मूत्रमार्ग के संकुचन को कम करता है। वरुणादि क्वाथ (वरुण और अन्य औषधियों का काढ़ा) मूत्र संबंधी विकारों के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।
4. पाषाणभेद (Pashanbhed)
नाम से ही स्पष्ट है — पाषाण (पत्थर) को भेदने वाली जड़ी। यह पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़कर मूत्र के साथ बाहर निकालने में मदद करती है।
5. शिलाजीत (Shilajit)
हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला यह खनिज पदार्थ शरीर को डिटॉक्स करता है और गुर्दे के कार्य को बेहतर बनाता है। यह पथरी को घोलने और दोबारा बनने से रोकने में सहायक है।
इन जड़ी-बूटियों का उपयोग किसी आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह से करना सबसे सुरक्षित रहता है। हर व्यक्ति की पथरी का प्रकार और शरीर का दोष अलग होता है, इसलिए खुराक भी वैसी ही तय की जाती है।
किडनी स्टोन से बचने के लिए क्या खानपान और जीवनशैली अपनाएँ?
अगर आप बार-बार पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं या इससे बचना चाहते हैं, तो अपनी डाइट और जीवनशैली में कुछ छोटे लेकिन असरदार बदलाव लाना बहुत ज़रूरी है।
1. नमक और चीनी कम करें
अधिक नमक शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाता है, जिससे कैल्शियम स्टोन बनने का खतरा रहता है।
- खाना पकाते समय नमक सीमित रखें।
- चिप्स, अचार, सॉस और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
- ज़्यादा मिठाइयाँ और शक्करयुक्त पेय भी कम करें।
2. ऑक्सालेट युक्त चीज़ें सीमित करें
पालक, चुकंदर, मेवे, और चॉकलेट में ऑक्सालेट नामक तत्व होता है जो कैल्शियम से मिलकर स्टोन बना सकता है।
- इन चीज़ों का सेवन सप्ताह में 2–3 बार से ज़्यादा न करें।
- पानी अधिक पिएँ ताकि ये पदार्थ शरीर में जमा न हों।
3. पर्याप्त कैल्शियम लें
कई लोग सोचते हैं कि कैल्शियम से स्टोन बनता है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है।
- अगर आप कैल्शियम की कमी से जूझ रहे हैं, तो शरीर ऑक्सालेट को अधिक अवशोषित करने लगता है, जिससे स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है।
- इसलिए दूध, दही, तिल, और हरी सब्ज़ियाँ अपने आहार में शामिल करें।
4. हाइड्रेशन बनाए रखें
दिनभर में पर्याप्त पानी पीना सबसे आसान और असरदार उपाय है।
- पानी न केवल पथरी को बनने से रोकता है, बल्कि छोटे पत्थरों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
- यदि आप बहुत पसीना निकालते हैं (जैसे गर्मी में या व्यायाम करते समय), तो पानी की मात्रा और बढ़ा दें।
5. वज़न नियंत्रित रखें और नियमित व्यायाम करें
मोटापा या शरीर में अतिरिक्त वसा किडनी पर दबाव डालता है।
- रोज़ाना कम से कम 30 मिनट हल्का व्यायाम करें — जैसे तेज़ चलना, योग या प्राणायाम।
- इससे शरीर का चयापचय संतुलित रहता है और पथरी बनने की संभावना घटती है।
6. शराब और जंक फूड से परहेज़ करें
शराब, कैफीन और कोल्ड ड्रिंक्स शरीर में डिहाइड्रेशन पैदा करते हैं, जिससे पथरी का जोखिम बढ़ जाता है।
- जंक फूड और अत्यधिक तली चीज़ें भी शरीर में अम्लीय वातावरण बनाती हैं, जो पथरी बनने की जड़ है।
याद रखें: किडनी स्टोन कोई रातों-रात बनने वाली समस्या नहीं है। यह आपकी रोज़मर्रा की आदतों का नतीजा है। अगर आप अपने खानपान और जीवनशैली को थोड़ा अनुशासित बना लें, तो न केवल पथरी से छुटकारा पाया जा सकता है बल्कि यह दोबारा बनने से भी रोकी जा सकती है।
निष्कर्ष
किडनी स्टोन कोई ऐसी समस्या नहीं है जिससे आपको डरना पड़े — बस उसे समझने और समय रहते संभालने की ज़रूरत होती है। अगर आप अपने शरीर की छोटी-छोटी चेतावनियों पर ध्यान देंगे — जैसे कम पानी पीना, बार-बार दर्द या पेशाब में जलन — तो पथरी बनने से पहले ही रोकथाम संभव है। आयुर्वेद यही सिखाता है कि इलाज केवल दवा नहीं, बल्कि जीवनशैली का सुधार है। सही खानपान, नियमित दिनचर्या, और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग आपकी किडनी को भीतर से मज़बूत बना सकता है।
अगर आप लंबे समय से पथरी या किसी और स्वास्थ्य समस्या से परेशान हैं, तो देर न करें। आज ही हमारे प्रमाणित जीवा आयुर्वेद डॉक्टरों से व्यक्तिगत परामर्श प्राप्त करें। कॉल करें 0129-4264323 पर और अपने स्वस्थ तथा संतुलित जीवन की शुरुआत आज ही करें।
FAQs
- पथरी गलाने के लिए कौन-सी देसी दवा है?
आयुर्वेद में पुनर्नवा, वरुण, गोक्षुर और पाषाणभेद जैसी जड़ी-बूटियाँ पथरी गलाने में मदद करती हैं। इनका काढ़ा या सिरप डॉक्टर की सलाह से लें।
- पेशाब की पथरी तोड़ने के लिए क्या खाएँ?
आप कुल्थी दाल का सूप, राजमा शोरबा, नींबू पानी और अनार का रस नियमित रूप से लें। ये मूत्र को साफ़ रखते हैं और पथरी को तोड़ने में मदद करते हैं।
- किडनी स्टोन की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन-सी है?
आयुर्वेद में वरुणादि क्वाथ, पुनर्नवादि मंडूर, और गोक्षुरादि गुग्गुलु जैसी औषधियाँ किडनी स्टोन के लिए असरदार मानी जाती हैं। इनका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।
- पथरी क्या खाने से गल जाती है?
नियमित रूप से नींबू पानी, सेब का सिरका, और तुलसी का रस लेना पथरी को घोलने में मदद कर सकता है। साथ ही खूब पानी पिएँ।
- क्या पथरी बार-बार दोबारा बन सकती है?
हाँ, अगर पानी कम पिएँ या नमक और प्रोटीन ज़्यादा खाएँ तो पथरी दोबारा बन सकती है। संतुलित आहार और हाइड्रेशन से इसे रोका जा सकता है।


















