Diseases Search
Close Button

चिपचिपे और तैलीय बाल - कारण और उपचार

Search Icon
  • Home/ Blog/ चिपचिपे और तैलीय बाल - कारण और उपचार

चिपचिपे या तैलीय बालों का मुख्य कारण बालों की ग्रंथि के द्वारा ज्यादा ' सिबम' उत्पादित करना होता है। सेबम एक प्राकृतिक तैलीय तत्व है, जो शरीर द्वारा हमारे बालों को पोषण देने के लिए निकाला जाता है। पर जब यह जरूरत से ज्यादा निकलता है तो बालों के लिए समस्या बन जाता है।

आयुर्वेदिक कारण:

आयुर्वेद के हिसाब से तैलीय बाल कफ दोष के बिगड़ने से होते हैं। उचित आहार, हर्बल औषधियाँ और उचित जीवनशैली कफ दोष को ठीक कर सकती है और आपके बालों की हालत को सुधार सकती है।

चिपचिपे बालों के इलाज के घरेलू नुस्खे:

हिना:

यह जड़ी-बूटी बालों के लिए बहुत ही लाभकारी है। कंडीशनिंग के अतिरिक्त हिना स्कैल्प (बालों की जड़ों में) कफ को भी नियंत्रित रखती है। आप जीवा हिना हेयर केयर पाउडर को दही में मिलाकर अपनी सर की जड़ो में लगा सकते हैं। ऐसा महीने में दो बार किया जा सकता है।

नींबू का रस:

नींबू का रस अम्लीय होता है और इसमें खट्टापन भी होता है, इसलिए यह बालो में से तेल को कम करने में असरदार है। इसे आप महीने में एक या दो बार लगा सकते हैं। इसे 5 मिनट से ज्यादा न लगायें और लगाने के कुछ देर बाद शैम्पू से सर धो लें।

एलोविरा:

यह एक पारम्परिक औषधि है, जो कि आयुर्वेद में सदियों से इस्तेमाल की जा रही है। त्वचा, बाल और पेट के लिए अच्छी, एलोविरा को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। चिपचिपे बालों के लिए आप एलोविरा जैल को अपनी सर की त्वचा पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें और उसके बाद जीवा हर्बल शैंपू से अपने बालो को धो लें।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.

SHARE:

TAGS:

Related Disease

Signup For Jiva Newsletter

Subscribe to the monthly Jiva Newsletter and get regular updates on Dr Chauhan's latest health videos, health & wellness tips, blogs and lots more.

Please fill your Name
Please fill your valid email
Book Free Consultation Call Us