Diseases Search
Close Button

Stay Healthy with Ayurveda

Search Icon

आयुर्वेद की सहायता से बढ़ाएँ अपना पौरूष

शीघ्रपतन जैसी समस्याएं किसी भी पुरुष के आत्मविश्वास को डगमगा सकती हैं और असंतुष्ट वैवाहिक जीवन की ओर ले जा सकती हैं। ऐसी स्थिति में आयुर्वेद किसी भी पुरुष का सच्चा साथी हो सकता है और बिना दवाओं के साइड इफैक्ट के एक सुखी वैवाहिक जीवन जीने में आपकी सहायता कर सकता है।

तनाव, गलत आहार, प्रदूषण और तेजी से बदलती जीवनशैली मिलकर पैदा करते हैं शीघ्रपतन जैसी समस्या। आजकल यह सामान्य तौर पर पाई जाने वाली समस्या बन गई है। यहां तक कि 30 से कम उम्र के पुरुषों में यह दिक्कत पाई जाने लगी है। ऐसा अनुमान है कि 3 में से 1 पुरूष अपने जीवन में कभी न कभी शीघ्रपतन की समस्या से पीड़ित होता है।

शीघ्रपतन क्या है ?

संभोग के तुरन्त बाद तृप्त अवस्था से पहले ही वीर्य स्खलन का होना शीघ्रपतन कहलाता है। कुछ मामलों में पुरुष जननांग का स्त्री जननांग में प्रवेश करने से पहले ही वीर्य स्खलन हो जाता है, जबकि कुछ मामलों में यह प्रवेश के तुरंत बाद भी देखा जाता है। इस तरह की समस्या संभोग में असंतुष्टि और वैवाहिक संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

आयुर्वेद के अनुसार शीघ्रपतन की समस्या, वात और पित्त दोषों के बढ़ जाने के कारण होती है। पित्त दोष की तासीर गर्म होती है, इसलिए जब भी पित्त बढ़ता है, तो गर्मी भी बढ़ जाती है। बढ़ी हुई गर्मी वीर्य को पतला कर देती है और संभोग के समय यह आसानी से स्खलित हो जाता है। इसके अलावा बढ़ा हुआ वात दोष पुरुष जननांग की मांसपेशियों को अत्यधिक सक्रिय कर देता है और यह संवेदनशीलता शीघ्रपतन का कारण बनती है।

आयुर्वेद में शीघ्रपतन का प्रभावी व स्थायी उपचार उपलब्ध है। इसका उपचार बढ़े हुए वात दोष को नियंत्रित कर, दिमाग और मन को शांत रखकर, पाचन दुरुस्त करके और वीर्य की मात्रा व गुणवत्ता बेहतर करके किया जाता है। शीघ्रपतन में आयुर्वेदिक चिकित्सक से अवश्य सलाह लें, इसके अलावा नीचे दिये गए घरेलू नुस्खें भी आप अपना सकते है।

घरेलू उपचार

  • पिसी हुई काली मिर्च 1/2 छोटा चम्मच, लौंग 1/2 छोटा चम्मच और तिल का तेल 50 मि.ली. मिला कर एक पेस्ट तैयार कर लें, इसे धीमी आंच पर गर्म करें। मिश्रण को छान लें और 5 मि.ग्रा. कपूर मिलाएं। इससे हर रोज पुरुष जननांग की मालिश करें।

  • एक चम्मच चने को 2 कप दूध के साथ पकाएं, जब तक चने दूध में पूरी तरह घुल न जाएं और दूध को सोख न लें, पकाते रहें। एक चम्मच चीनी मिलाएं। इसे सुबह नाश्ते के रूप में लें। आयुर्वेद में इसे वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने वाला बताया गया है।

  • लाजवन्ती (छुईमुई) के बीज और चीनी को बराबर मात्रा में मिलाएं। इस मिश्रण को 6 ग्राम, लगभग दो छोटे चम्मच, रोज सुबह दूध के साथ सेवन करें।

  • सुबह उठकर खाली पेट एक गिलास ठंडा पानी पिएं।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.

SHARE:

TAGS:

Comment

Be the first to comment.

Leave a Reply

Signup For Jiva Newsletter

Subscribe to the monthly Jiva Newsletter and get regular updates on Dr Chauhan's latest health videos, health & wellness tips, blogs and lots more.

Please fill your Name
Please fill your valid email
Book An Appointment Chat With Us