भारत में विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन D की कमी बेहद आम है — उदाहरण के लिए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत में स्वस्थ वयस्कों में विटामिन D की कमी की दर लगभग 80%–90% तक है। जब आपके शरीर में यह कमी हो जाती है, तो सिर्फ हड्डियों की समस्या नहीं होती — बल्कि दिनभर निरंतर थकान, सुस्ती और काम में मन न लगने जैसी बातें भी सामने आ सकती हैं।
सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी हो जाती हैं, धूप कम मिलती है, हम अधिकतर वक्त अंदर ही रहते हैं — परिणामस्वरूप आपका शरीर कम सक्रिय महसूस करता है, “खूब नींद” का मन करता है और एनर्जी लेवल गिर जाता है। इसके साथ ही, आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में शरीर में “कफ” की वृद्धि होती है, जिससे अंदर भारीपन महसूस होता है और आलस्य बढ़ जाता है।
अगर यह आपको भी हर सर्दी में अक्सर होता है, जैसे सुबह उठने में दिक्कत, दिन-भर सुस्ती, काम करने में मन न लगना, तो यह लेख आपके लिए है।
सर्दियों में सुस्ती और थकान क्यों बढ़ जाती है?
1. धूप की कमी – असली कारण
सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी हो जाती हैं। सूरज की रोशनी का समय कम होने की वजह से आपका शरीर कम धूप प्राप्त करता है। यही धूप हमारे शरीर में विटामिन D का सबसे बड़ा स्रोत है।
- विटामिन D की कमी से मूड, एनर्जी और इम्यूनिटी प्रभावित होती है।
- इसके कारण थकान, सुस्ती और उदासी महसूस होती है।
2. जैविक घड़ी (Biological Clock) का गड़बड़ाना
कम धूप और ज़्यादा अंधेरा शरीर की सर्कैडियन रिद्म को बिगाड़ देता है।
- शरीर अधिक मेलाटोनिन बनाता है।
- दिनभर नींद और सुस्ती महसूस होती है।
3. जीवनशैली में बदलाव
सर्दियों में हम कम सक्रिय रहते हैं।
- कम हरकत = धीमा मेटाबॉलिज़्म
- भारी खाना = पाचन धीमा
- इसके कारण भारीपन और आलस्य बढ़ता है
4. नींद का असंतुलन
- अनियमित नींद से हार्मोन असंतुलित होते हैं।
- इसके कारण दिनभर थकान बनी रहती है।
आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में आलस क्यों आता है?
कफ दोष की वृद्धि
- कफ का स्वभाव ठंडा, भारी और स्थिर होता है।
- सर्दियों में इसकी वृद्धि से भारीपन और जड़ता बढ़ती है।
- पाचन कमजोर हो जाता है।
अग्नि और ऊर्जा का संबंध
- अग्नि मंद होने पर आम (टॉक्सिन) बनते हैं।
- ये टॉक्सिन सुस्ती और थकान का कारण बनते हैं।
विटामिन D और मेलाटोनिन का असंतुलन
विटामिन D की कमी
- सेरोटोनिन का स्तर कम हो जाता है।
- मूड और एनर्जी घटती है।
मेलाटोनिन का बढ़ना
- शरीर दिन में भी नींद मोड में प्रवेश कर जाता है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से संबंध
आधुनिक विज्ञान की यह स्थिति आयुर्वेद में कफ वृद्धि और मंद अग्नि के समान है।
कैसे पहचानें कि सुस्ती सामान्य है या किसी रोग का संकेत?
सामान्य सुस्ती
- आराम या हल्की गतिविधि से ठीक हो जाए।
- सुबह उठने में आलस लेकिन दिन में ठीक होना।
कब सावधान हों?
- लगातार थकान और नींद से भी राहत न मिलना
- भूख कम लगना
- मांसपेशियों में दर्द
- मिज़ाज में बदलाव या चिड़चिड़ापन
सर्दियों की सुस्ती से निपटने के 3 आसान आयुर्वेदिक उपाय
1. आहार से आलस को दूर करें
आयुर्वेद सर्दियों में हल्का, गर्म और पचने में आसान भोजन की सलाह देता है।
क्या खाएँ:
- गर्म सूप, मूंग दाल, हरी सब्ज़ियाँ
- अदरक, काली मिर्च, हल्दी
- गुनगुना पानी
क्या न खाएँ:
- तला-भुना भोजन
- ठंडा पानी या पेय
- भारी खाद्य पदार्थ
2. रोज़ाना धूप, व्यायाम और हाइड्रेशन
- 20–30 मिनट धूप लें
- हल्का योग, स्ट्रेचिंग, वॉक करें
- गुनगुना पानी पीते रहें
3. मन को शांत रखें – योग, ध्यान और नींद
- 10–15 मिनट ध्यान
- नियमित नींद का समय
- सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें
आपका शरीर सर्दियों में ऊर्जा कैसे वापस पा सकता है?
- सुबह धूप लेना
- गर्म और हल्का भोजन
- नियमित गतिविधि
- शांत मन और भरपूर नींद
निष्कर्ष
सर्दियों की सुस्ती समझदारी और सही दिनचर्या से आसानी से दूर की जा सकती है। थोड़ी धूप, संतुलित भोजन और शांत मन आपको ऊर्जा वापस दिला सकते हैं।
अगर आपकी सुस्ती लगातार बनी रहती है, तो जीवा आयुर्वेद डॉक्टर से परामर्श करें — 0129-4264323।
FAQs
1. सुस्ती किसकी कमी से होती है?
विटामिन D, आयरन और थायरॉइड हार्मोन की कमी सुस्ती का कारण बन सकती है।
2. सारा दिन सुस्ती रहने के क्या कारण हैं?
नींद की कमी, तनाव, डिहाइड्रेशन और कम गतिविधि मुख्य कारण हैं।
3. क्या कैफीन सुस्ती दूर कर सकता है?
यह अस्थायी जागरूकता देता है लेकिन असली कारण नहीं मिटाता।
4. क्या ज्यादा मोबाइल चलाने से सुस्ती होती है?
हाँ, ब्लू लाइट नींद के हार्मोन को प्रभावित करती है।
5. क्या पानी कम पीने से आलस बढ़ता है?
डिहाइड्रेशन मेटाबॉलिज़्म को धीमा कर देता है, जिससे भारीपन बढ़ता है।
6. क्या मानसिक तनाव भी कारण हो सकता है?
हाँ, तनाव ऊर्जा को कम करता है और सुस्ती बढ़ाता है।
7. क्या पावर नैप लेना ठीक है?
15–20 मिनट की पावर नैप फायदेमंद होती है।
8. क्या विटामिन सप्लीमेंट मदद कर सकते हैं?
हाँ, डॉक्टर की सलाह पर विटामिन D और B-कॉम्प्लेक्स सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।


































