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आयुर्वेद की मदद से बालों को झड़ने से रोकने में सफ़लता पाएं।

क्या आपको कभी इस बात का आश्चर्य हुआ है कि आपकी दादी के बाल अभी तक घने क्यों हैं ? और, आप जवान रहते हुए भी गंजेपन का शिकार हो रहे हैं ? इसका कारण बहुत ही साधारण है। वो एक ऐसे समय मे बड़ी हुयी हैं जब प्रदूषण बिल्कुल भी नहीं था वहीं आप चारों तरफ़ से प्रदूषण से घिरे हुए हैं। वो शुरू से ही स्वास्थ्यवर्धक चीजें और पौष्टिक भोजन ग्रहण करती थी लेकिन आप सिर्फ़ भूख को मिटाने के लिए दूषित और हानिकारक जंक फूड आदि का भी सेवन कर लेते हैं। इसके साथ ही निश्चित रूप से आप ये भी अनुभव करेंगे कि अधिक उम्र होने के बाद भी आपकी दादी आपसे ज़्यादा शारीरिक मेहनत करती हैं।

इसीलिए ऐसा है कि आप कम उम्र के होने के बावजूद बालों के सफ़ेद होने के साथ ही झड़ने की समस्या से भी परेशान है वहीं दूसरी तरफ़ अधिक उम्र के बावजूद उनके सिर पर घने और काले बाल मौजूद हैं। ऐसे में आइये आयुर्वेद द्वारा बताये गए, एलोपेसिया और बालों के झड़ने की समस्या के इलाज़ को जानते हैं।

बालो के झड़ने का कारण

वातावरण का प्रदूषण बालो के झड़ने का सबसे बड़ा कारण माना गया है। वहीं घातक रसायनों से भरे शैम्पू, कंडीशनर, क्रीम आदि ल प्रयोग भी बालों के झड़ने का मुख्य कारण माना गया है। अस्वस्थ और अनियमित भोजन शरीर मे पित्त दोष को बढ़ावा देता है, जिससे शरीर मे केरातिन प्रोटीन की कमी हो जाती है। केरातिन बालों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी है अतः इसकी कमी बालों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती है।

आयुर्वेद और बालों के झड़ने का इलाज़: इलाज़ के तीन चरण

आहार

अपने खाने के तरीक़े में सुधार कीजिये। कैफीनेट वाले पेय पदार्थ जैसे कि चाय और कॉफ़ी आदि का सेवन कम करें। शराब, सिगरेट आदि धूम्रपान से दूर रहे। इसके स्थान पर आप सेहतमंद चीजें जैसे कि हरी सब्जियों तथा ताज़े फल के जूस आदि एक सेवन अधिक करें। हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को मुख्य रूप से अपने आहार में शामिल करें। विटामिन सी को बालों को झड़ने से रोकने के लिए प्रभावी माना गया है। तिल के बीज में मैग्नीशियम और कैल्शियम का पर्याप्त भण्डार पाया जाता है। वहीं एलोवेरा के साथ चुटकी भर ज़ीरा मिलाकर इसका सेवन करने से आपको बालो को काफ़ी फ़ायदा पहुँचता है।

व्यायाम

बालों स जुड़ी समस्या के समाधान के लिए योग लो सबसे बेहतर इलाज़ माना गया है। बालों के लिए सर्वांगासन सबसे बेहतर योगासन के रूप में जाना जाता है, जिसकी मदद से हमारे सिर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। इसके साथ ही आपको गहरे साँस वाले व्यायाम को भी रोज़ाना करने का प्रयास करना चाहिए ताकि आपको तनाव और विषाक्त तत्वों को खत्म करने में मदद मिले।

इलाज़

इसके लिए आयुर्वेद कई तरह के प्राकृतिक औषधियों के इस्तेमाल की सलाह देता है जैसे कि भृंगराज, ब्राह्मी, नीम, आँवला, अश्वगंधा, रीठा, शिकाकाई आदि। इन सभी औषधियों का इस्तेमाल आपको अलग-अलग तरीकों से करना होता है। जैसे कि भृंगराज को आप खाने के साथ ही इसके तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्राह्मी आपके पास के किराने की दुकान पर आसानी से मिल जाएगा। इसको दही के साथ मिलाकर अपने बालों में लगाएं। वहीं नीम की पत्ती का पेस्ट बनाकर इसमें नींबू का रस या फ़िर नारियल का तेल मिला लें इसके बाद इसे सिर में लगाएं। इससे आपको सिर के जूँ और रूसी को खत्म करने में मदद मिलेगी। रीठा और शिकाकाई का प्रयोग शैम्पू के रूप में बालों को धोने के लिए करें। अश्वगंधा आपके इम्युनो सिस्टम को बेहतर करता है। इसके साथ ही आप आयुर्वेदिक औषधीय तेलों से सिर का मसाज़ भी कर सकते है, जो कि आपके बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।

निष्कर्ष

आयुर्वेद में बालों से जुड़ी हर समस्या का इलाज़ मौजूद है। इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि ये सभी तत्व आसानी से उपलब्ध है और इसके प्रयोग का कोई विपरीत प्रभाव भी नही है।

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