Diseases Search
Close Button

Stay Healthy with Ayurveda

Search Icon

योग मुद्रा

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अगर ये कहा जाए कि ‘‘आयुर्वेद अपनाना होगा, योग शरण में आना होगा‘‘ तो अतिश्योक्ति न होगी।

कितनी सुन्दर बात कही गई है ‘‘पहला सुख निरोगी काया‘‘। बिल्कुल सत्य। धन दौलत मान-सम्मान, वैभव, शोहरत, बंग्ला- गाड़ी, सब तभी अच्छे लगते हैं जब शरीर स्वस्थ हो। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अगर ये कहा जाए कि ‘‘आयुर्वेद अपनाना होगा, योग शरण में आना होगा‘‘ तो अतिश्योक्ति न होगी।

आयुर्वेद हमें आहार-विहार के बारें में जानकारी देता है और योग तन-मन को स्वस्थ व शान्त रखना सिखाता है। योग व आयुर्वेद को दिनचर्या का अभिन्न अंग बना जीवन यात्रा को और अधिक कारगर व सुखमय बनाया जा सकता है। शरीर निरोगी हो, त्वचा मुलायम, कान्तिमय हो, इसके लिए पाचन व निष्कासन तन्त्र को ठीक रखना अति आवश्यक है व इन्हें चुस्त-दुरूस्त रखने के लिए योगाभ्यास सस्ता व अच्छा माध्यम है।

योगाभ्यास की श्रृंखला में आज हम आप को ‘‘योग मुद्रा‘‘ के बारे में बताने जा रहे हैं। इसे नियमित व ठीक ढंग से कर आप अपने शरीर व त्वचा को स्वस्थ रख सकते हैं।

विधि:

  • स्वच्छ, समतल व हवादार जगह पर आसन बिछा पद्मासन लगा बैठ जाएं।

  • कमर, पीठ व गर्दन को सीधा करें ।

  • दोनों बाजुओं को कमर के पीछे ले जाएं।

  • दाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा (तर्जनी व अंगुष्ठ के अग्रभाग को मिलाना) लगा, दायें हाथ की कलाई को बायें हाथ से पकड़ लें।

  • चार-पाँच लम्बे गहरे श्वास लें व श्वास छोड़ते हुए कमर से धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकें व पेट, छाती, गर्दन को सीधा रखते हुए माथा ज़मीन पर टिका दें।

  • यथाशक्ति रुकने के बाद श्वास भरते हुए वापिस आ जाएं।

  • अब पैरों की पोजि़शन बदल इसी क्रम से दोहराएं।

आसन के लाभ:

  • मेरुदण्ड व नाड़ी तन्त्र स्वस्थ रहता है।

  • फेफड़े मज़बूत बनते हैं।

  • रक्त संचार ठीक रहता है।

  • मल निष्कासन सहज हो जाता है।

  • शुक्र दौर्बल्यता दूर होती है।

  • कब्ज़ का निवारण होता है।

  • लगातार अभ्यास शरीर को लचीला व चेहरे को कान्तिमय बनाता है।

सावधानियाँ:

  • उच्च रक्तचाप रोगी इसे न करें।

  • गर्भवती महिलाएं इसे न करें।

मन शान्त, आत्मा पवित्र बना के रखें महान चरित्र ‘‘योग‘‘ सब से अच्छा मित्र

विशेष सावधानियाँ:

  • आगे झुकते व वापिस आते समय हाथों को कमर के पीछे शरीर से लगाकर रखें।

  • किसी भी बीमारी के चलते योगाभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें व शिक्षित शिक्षक की देखरेख में ही अभ्यास करें।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.

SHARE:

TAGS:

Comment

Be the first to comment.

Leave a Reply

Signup For Jiva Newsletter

Subscribe to the monthly Jiva Newsletter and get regular updates on Dr Chauhan's latest health videos, health & wellness tips, blogs and lots more.

Please fill your Name
Please fill your valid email
Book An Appointment Chat With Us