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मॉनसून का आनंद लें आयुर्वेदिक तरीके से

मॉनसून यानि बारिश का मौसम भारत में एक उत्सव की तरह है। भयानक गर्मियों के बाद लोग इंतजार करते हैं कि बारिश के देवताधरती पर पानी की फुहार करें।

जब बारिश आती है तो लोग बारिश के पानी में नाचते हैंऔर अलग-अलग तरीके उसका आनंद उठाते हैं। लेकिन यह मौसम अपने साथ कई बीमारियाँ, संक्रमण और सेहत से जुड़ी परेशानियाँ लेकर आता है। तापमान में हुए अचानक परिवर्तन की वजह से शरीर की रक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती है और बीमारियों के लिए आपका शरीर एक आसान शिकार हो जाता है।

आयुर्वेद के मुताबिक बारिश का मौसम पित्त को बढ़ने वाला मौसम भी है, यह शरीर की ऊर्जा खासतौर से पाचन अग्नि को भड़काने के लिए जिम्मेदार होता है।इस समय में पाचन कमजोर होता है। पित्त से जुड़ी हुई बीमारियाँ जैसे हाइपर एसिडिटी, अपच, त्वचा की जुड़ी परेशानियाँ, बालों का झड़ना और संक्रमण इस मौसम में आम हो जाता है। यह एक ऐसा मौसम है जब मौसम में नमी ज्यादा होती है, इससे ओज और जरूरी तरल की कमी हो जाती है। हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने की वजह से इस मौसम में अक्सर लोग सांस उखड़ने और कमजोरी की शिकायत करते हैं।

तो अगर आप सच में मॉनसून के मौसम का मजा लेने चाहते हैं तो सेहतमंद रहने के कुछ खास उपाय अपनाएँ गरिष्ठ, गर्म, अम्लीय, खट्टा जैसे अचार, चटनी, दही वगैरह और नमकीन आहार से बचें क्योंकि इससे पानी की कमी, अपच, हाइपर एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या हो जाती है। तला हुआ, जंक फूड और मांस के सेवन से बचें। सलाद और पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचें।

  • हल्का और आसानी से पचने वाला आहार, पका हुआ या भाप में पकी हुई सब्जियाँ, तोरई, कद्दू, भाप में पका सलाद, फल, मूंग दाल, खिचड़ी, मक्का, काबुली चने का आटा और ओटमील खाइए

  • घी, जैतून का तेल, मक्के का तेल और सूरजमुखी का तेल खाना पकाने में इस्तेमाल करें। भारी तेल जैसे सरसों का तेल, मक्खन, मूंगफली का तेल और कई दूसरे भारी और गर्म तेल का इस्तेमाल न करें।

  • भारी व्यायाम ना करें जैसे दौड़ लगाना, साइकिल चलाना वगैरह। इससे पित्त यानि गर्मी बढ़ती है। योग, चलना, तैरना और स्ट्रेचिंग करना अच्छा रहेगा।

  • बाहर खाते हों तो सावधान रहें और यह सुनिश्चित करें कि आप जिस जगह पर खाने जा रहे हों वहां पर साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा गया हो। ऐसा आहार न खाएं जो खुले में रखा गया हो या सड़क किनारे बेचा जा रहा हो।

  • सारी हरी सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर इस्तेमाल करें

  • कसैला स्वाद पित्त को संतुलित करता है तो ऐसे में कसैले स्वाद वाली सब्जियाँ जैसे करेले का सेवन करें और साथ ही जड़ी बूटियाँ जैसे नीम, मेथी और हल्दी का सेवन आपको संक्रमण से बचाएगा

  • तिल के तेल से हफ्ते में दो बार खुद की मालिश करने से भी आप बारिश के मौसम में सेहतमंद रह सकते हैं। कुछ लोगों के लिए तिल का तेल गर्म हो सकता है तो ऐसे में नारियल तेल का इस्तेमाल करें।

  • ऐसी भावनाओं से दूर रहें जो गर्म स्वभाव की हों जैसे गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, जलन और ईर्ष्या। यह न भूलें कि इससे भी आपका पित्त बढ़ सकता है और मुमकिन है कि आपको एग्जिमा, सीने में जलन या मूत्र त्याग से जुड़े संक्रमण हो जाएँ।

मैं पक्के तौर पर कह सकता है कि अगर आप इन उपायों को अपनी रोजाना दिनचर्या में शामिल करें तो मॉनसून में आप बीमार नहीं पड़ेंगे। अगर आप फिर भी कुछ और जानना चाहते हैं तो संपर्क करें टेलीमेडिसिन सेंटर से जिसका फोन नंबर है 0129-4040404 और हमारे डॉक्टर से बात करके आप अपनी परेशानी का हल जान सकते हैं। आप हमें ईमेल भी कर सकते हैं हमारी ईमेल आईडी है info@jiva.com।

आपको अच्छी सेहत और खुशियों की बधाई।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
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