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पाद अभ्यंग पैरों की नसों को मज़बूत, दोषों को संतुलित करता है।
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आयुर्वेदानुसार पैर की मालिश को पाद अभ्यंग कहा जाता है। इसके द्वारा मांसपेशियों की जकडन, त्वचा की शुष्कता एवं त्वचा की बीमारियो दूर होती है। इससे पैरों को शक्ति मिलती है व दोष संतुलित होते हैं। अतः आयुर्वेदिक चिकित्सा परम्परा में इसका विशेष स्थान है। पैरों में हमारे शरीर के विभिन्न अंगो से जुडी़ नसे समाप्त हो जाती है। पाद अभ्यंग पैरों की नसों को मजबूत करने एवं शरीर के विभिन्न अंगों में स्वास्थ्य पुर्नस्थापित करने में मदद करता हैं। यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगो को सक्रिय एवं दोषों को संतुलित करता है। इसके साथ पाद-अभ्यंग मन को शान्त, अच्छी निंद्रा लाने, रक्त परिसंचरन में सुधार व साईटिका से बचाव मे भी सहायता करता है यह श्रृवण शक्ति व दृश्य क्षमता को बनाये रखने मे भी सहायक है।
पाद अभ्यंग के लिए आपको विभिन्न आयुर्वेदिक कायाकल्प पद्धतियों को अपनाने व क्लीनिक एवं पंचकर्म केन्द्र जाने की आवश्यकता नही है। इसके लिए कुछ आसान तरीके हैं, जिनको आप आसानी से घर पर अपने आप कर सकते हैं। शीघ्र परिणामदायक आयुर्वेदिक पाद अभ्यंग की सरल विधि का क्रम अनुसार वर्णन निम्नलिखित है।
एक बर्तन में सरसों का तेल लेकर अपने पैरों की मालिश करें पैरों की मालिश के साथ नाखूनों की भी विशेष देखभाल की जानी चाहिए। सबसे पहले पैरों व तलवों के विभिन्न विश्राम, खिचाव, तेजी से पैरों व तलवों की पिटाई व थपथपाने की क्रियाएं शामिल है।
सर्वप्रथम पैरों की अंगुलियों की नोक दबाएं।
अपने पैरों में से एक पैर को हिलाए व कम्पित करें।
अब दोनो हाथों का उपयोग कर पैर की मांसपेशियों को दोनो और से थपथपायें एवं गूंथे। सबसे पहले एक पैर के साथ प्रारम्भ करें।
पैरों एंव तलवों मे तेल लगाए एवं अच्छी तरह से रगडे़ं।
पैर को कसकर पकड़े तथा इसे आराम होने के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसे धीरे-धीरे रगडे़ं। आप जिस तरफ से पैर को रगड रहे है। उससे दूसरी तरफ से पैर को पकड़े।
पैरों की अंगुलियों के साथ तलवे के सभी दबाब बिंदू (एक्यू प्रेशर पाइंटस) दबाएं।
अपने दोनों पैरों को क्लोकवाइज़ एवं एंटीक्लोकवाइज़ गोलाकार घूमाए।
यद्यपि हम पूरा दिन अपने पैरों का प्रयोग करते है फिर भी यह सर्वाधिक उपेक्षित रहते हैं। पाद अभ्यंग न केवल पैरों को आराम देता है, वरन् पूरे शरीर मे चेतना भर देता है।
पाद अभ्यंग के बाद फ्रूट स्क्रब का प्रयोग भी कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक फ्रूट स्क्रब (सामग्री)
1/2 छोटी चम्मच सेंधा नमक
2 छोटी चम्मच जैतून का तेल
1 छोटी चम्मच गेंहू के आटे का चोकर व 2-3 बूँदें खुशबूदार तेल(आवश्यक्तानुसार)
उपर्युक्त सामग्री को एक कटोरी में अच्छी तरह से मिलाए एवं नम त्वचा पर गोल-गोल (क्लोकवाइज) धीमी गति से रगड़े। बाद में स्नान करते वक्त इसे धों ले। बची सामग्री को एअरटाईट बर्तन में ठंडे स्थान पर रख सकते हैं। पाद अभ्यंग के लिए इस मिश्रण मे ताजे फल व सब्जियों का प्रयोग श्रेयस्कर है।
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