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ठंड में देसी घी खाना चाहिए या नहीं? जानिए आयुर्वेद के अनुसार कब यह लाभदायक और कब हानिकारक

Information By Dr. Keshav Chauhan

भारत में फैटी फूड्स और तेल-घी के सेवन पर हालिया अध्ययन बताते हैं कि एक व्यक्ति रोज़ाना औसतन करीब 19 ग्राम तेल, घी या बटर जैसी चीज़ें खाता है। सर्दियों के मौसम में अक्सर यह सवाल उठता है — क्या इस ठंड में देसी घी हमारे लिए लाभदायक है या हानिकारक?

आयुर्वेद और आधुनिक पोषण विज्ञान दोनों के अनुसार, घी का सेवन संतुलित मात्रा में करने से शरीर को गर्माहट, ऊर्जा और पोषण मिलता है।

ठंड के मौसम में देसी घी खाने की सलाह आयुर्वेद क्यों देता है?

सर्दियों में वात दोष बढ़ता है, जिससे शरीर में सूखापन और जकड़न महसूस होती है। आयुर्वेद के अनुसार, घी शरीर को चिकनाई और गर्माहट देकर इन लक्षणों को संतुलित करता है।

  • घी वात दोष को शांत करता है।
  • शरीर को अंदर से नमी देता है।
  • प्राकृतिक रूप से गर्माहट प्रदान करता है।
  • इम्यूनिटी और ताकत को बढ़ाता है।

देसी घी क्या होता है और यह बाकी घी या बटर से कैसे अलग है?

देसी घी पारंपरिक तरीके से गाय या भैंस के दूध की मलाई को मथकर और धीमी आँच पर पकाकर बनाया जाता है।

  • A2 देसी घी: देसी गाय के दूध से बना होता है, आसानी से पचता है।
  • प्रोसेस्ड घी या बटर: तेज़ आँच पर बनाया जाता है, जिससे पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
  • शुद्धता का फर्क: असली देसी घी हल्का, सुगंधित और मीठास लिए होता है।

ठंड में देसी घी खाने के फायदे

1. शरीर को गर्म रखता है

घी का स्वभाव गर्म होता है, जो शरीर में हीट शील्ड बनाता है।

2. इम्यूनिटी और ऊर्जा बढ़ाता है

घी में मौजूद वसा त्वरित ऊर्जा प्रदान करते हैं और शरीर को फुर्तीला बनाते हैं।

3. पाचन और कब्ज़ में सुधार

  • घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है जो आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
  • गरम दूध में घी मिलाकर पीने से कब्ज़ में राहत मिलती है।

4. त्वचा और होंठों की नमी बनाए रखता है

घी को बाहरी रूप से लगाने से त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है।

5. जोड़ों और हड्डियों को मज़बूत करता है

आयुर्वेद के अनुसार घी “स्नेहद्रव्य” है, जो जोड़ों को लचीलापन और शक्ति देता है।

6. शरीर को पोषण और चमक देता है

  • घी में विटामिन A, D, E और K होते हैं।
  • त्वचा, बाल और आँखों के लिए लाभदायक है।

क्या देसी घी वज़न बढ़ाता है या घटाने में मदद करता है?

घी अपने आप वज़न नहीं बढ़ाता — असर इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितना और कैसे खाते हैं।

वज़न घटाने में मदद के समय

  • 1-2 चम्मच घी मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है।
  • ओमेगा फैटी एसिड्स सूजन और पेट की चर्बी कम करते हैं।
  • एक्सरसाइज़ से पहले थोड़ा घी खाने से ऊर्जा मिलती है।

वज़न बढ़ाने की स्थिति

  • जब मात्रा ज़्यादा हो (4-5 चम्मच या उससे अधिक)।
  • जब हाई-कैलोरी फूड्स के साथ लिया जाए।
  • जब शारीरिक गतिविधि कम हो।

आयुर्वेद के अनुसार देसी घी कब और कैसे खाना चाहिए?

  • सुबह: नाश्ते के साथ 1 चम्मच घी ऊर्जा के लिए।
  • रात: दूध में आधा चम्मच घी कब्ज़ और नींद के लिए।
  • खाना बनाते समय: घी को तेज़ आँच पर न पकाएँ।
  • मात्रा: रोज़ाना 2–3 चम्मच पर्याप्त है।
  • हल्दी के साथ: ठंड में हल्दी घी दूध के साथ फायदेमंद है।

किन लोगों को घी खाना चाहिए और किन्हें नहीं?

घी खाने की सलाह जिनको दी जाती है

  • वात प्रकृति वाले व्यक्ति।
  • कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोग।
  • कम वज़न या सूखे शरीर वाले व्यक्ति।

जिन्हें सावधानी बरतनी चाहिए

  • दिल की बीमारी या हाई कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्ति।
  • मोटापा या सुस्ती की समस्या वाले लोग।
  • लिवर या पित्त दोष वाले व्यक्ति।

ज़्यादा देसी घी खाने के नुकसान

  • पाचन धीमा होना और गैस की समस्या।
  • शरीर में भारीपन और सुस्ती महसूस होना।
  • कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा।
  • बार-बार गरम किया हुआ घी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक।

निष्कर्ष

ठंड के मौसम में देसी घी एक प्राकृतिक औषधि की तरह है, जो शरीर को गर्म, ऊर्जावान और स्वस्थ रखता है। लेकिन इसे हमेशा शुद्ध रूप में और सीमित मात्रा में ही सेवन करें।

अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो प्रमाणित आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लें।

FAQs

  • देसी घी कब नहीं खाना चाहिए? मोटापा या दिल की बीमारी में सीमित मात्रा में लें।
  • क्या ठंड में घी फायदेमंद है? हाँ, शरीर को गर्म रखता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।
  • रोज़ाना कितना घी खाना चाहिए? 2 से 3 चम्मच पर्याप्त है।
  • सही तरीका क्या है? पकाने के बाद भोजन पर डालें, तेज़ आँच पर न गरम करें।
  • क्या वज़न घटाने वाले लोग घी खा सकते हैं? हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में।

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