Diseases Search
Close Button

योग निद्रा तन, मन करे स्वस्थ

Search Icon
  • Home/ Blog/ योग निद्रा तन, मन करे स्वस्थ

योग और आयुर्वेद का अटूट सम्बन्ध है। आयुर्वेद के बिना योग साधना और योग के बिना आयुर्वेद के पूर्ण लाभ प्राप्त करना सम्भव नहीं।

भारतीय ऋषियों, मुनियों की हज़ारों साल की कड़ी मेहनत व अन्वेषण (रिसर्च) द्वारा शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक उन्नति तथा मानव जाति के कल्याण के लिए तैयार की गई जीवनशैली ;योगद्ध के विरुद्ध चलने पर शरीर व मन में तरह-तरह के रोग उत्पन्न हो जाते हैं और जीवन दुखदायी बन जाता है।

योगाभ्यास की श्रृंखला में आज हम ‘‘योगा निद्रा‘‘ के बारे में बात करेंगे जिससे हम शरीर में ताज़गी, स्फूर्ति व शक्ति का पुननिर्माण कर जीवन का आनन्द ले सकें।

विधि:

  • समतल, स्वच्छ जमीन व शान्त वातावरण में आसन बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।

  • आँखों को कोमलता से बन्द कर शरीर के सभी अंगों को ढ़ीला छोड़ दें।

  • अपने ध्यान को अपनी दाईं ओर ले आएं व मन की आँखों से अपने शरीर का अवलोकन करें।

  • ध्यान को दायें हाथ पर लाएं तत्पश्चात् ध्यान को दायें हाथ के अंगूठे, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा, हथेली, कलाई, अग्रभुजा, कोहनी, ऊपरी भुजा, कन्धा, दाईं जंघा, घुटना, पिण्डली, टखना, एड़ी तथा पंजे पर धीरे-धीरे लेते आएं और इसी तरह बाईं तरफ के अंगों को भी मन की आँखों से देखें।

  • अब मस्तक, कान, आँखें, गाल, नाक, ठोड़ी, गला, छाती, फेफड़े, दिल, पेट, कमर, पीठ गर्दन, सिर, मस्तक, नाक, नासिका तक एक-एक अंग को ध्यान से देखते हुए आगे बढ़ते जाएं।

  • पुनः पूरे शरीर का, नस-नाड़ियों, उनमें बहते रक्त, रक्त की उष्णता, श्वास-प्रश्वास और शरीर में रिक्त स्थान इन सभी को बारी-बारी महसूस करें, इनका अवलोकन करें, अनुभव करें।

  • अपने चारों ओर मन की आँखों से प्रकाश पुंज का ध्यान करें, यही मैं हूँ, यही मेरा स्वरूप है, ऐसा अनुभव कर शान्तचित्त कुछ देर लेटे रहें।

  • गहरा लम्बा श्वास भरें व छोडें। 5-6 बार मुट्ठी बन्द करें व खोलें तथा हाथों को आपस में रगड़ें व हथेलियों को बन्द आँखो पर रखें।

  • हाथों को चेहरे, गले, छाती पर मलें, कुछ क्षण दाईं करवट लेटें और उठकर बैठ जाएं व प्रभु का धन्यवाद करने के पश्चात् आँखें खोल लें।

आसन के लाभ:

  • शारीरिक थकान दूर कर चेतना, स्फूर्ति व नवशक्ति लाने में सहायक।

  • मन स्थिर व शान्त होता है तथा मानसिक स्तर पर पूर्ण विश्राम मिलता है।

  • उच्च रक्तचाप को सामान्य करने में सहायक।

  • कमर, पीठ, गर्दन के दर्द को कम करता है।

  • तनाव कम होता है।

विशेष सावधानियाँ:

अभ्यास के दौरान अंगों को हिलाने का प्रयास न करें, सिर्फ ध्यान को उस तरफ लें जाएं। किसी भी बीमारी के चलते योगाभ्यास शुरू करने से पूर्व अपने डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें व शिक्षित शिक्षक की देखरेख में ही अभ्यास करें।

To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on ‘Speak to a Doctor
under the CONNECT tab in Jiva Health App.

SHARE:

TAGS:

Related Disease

Signup For Jiva Newsletter

Subscribe to the monthly Jiva Newsletter and get regular updates on Dr Chauhan's latest health videos, health & wellness tips, blogs and lots more.

Please fill your Name
Please fill your valid email
Book Free Consultation Call Us