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क्या गर्मी और मसालेदार भोजन आपके Psoriasis को तुरंत flare-up करते हैं? आयुर्वेदिक कारण जानें

Information By Dr. Arun Gupta

सोरायसिस वाले अधिकतर लोग एक बात अक्सर नोट करते हैं—कभी-कभी आपकी त्वचा इतनी जल्दी flare-up करती है कि आपको समझ ही नहीं आता कि ऐसा अचानक क्यों हुआ। एक दिन सब ठीक चलता है और अगले ही दिन खुजली, जलन और लाल धब्बे फिर से उभर आते हैं। कई बार इसका कारण आपके खाने-पीने में छिपा होता है, खासकर गरम और मसालेदार भोजन में।

अगर आपने कभी महसूस किया है कि थोड़ी-सी मिर्च या गरम सब्ज़ी खाने के बाद आपकी त्वचा अचानक परेशान होने लगती है, तो यह लेख आपके लिए है। सोरायसिस में आपकी त्वचा पहले से ही संवेदनशील रहती है, और किसी-किसी व्यक्ति में शरीर की गर्मी या तीखा भोजन लक्षणों को तुरंत बढ़ा सकता है।

इस लेख में आप समझेंगे कि गर्मी और मसाले आपके सोरायसिस को क्यों प्रभावित करते हैं, आयुर्वेद इसे कैसे देखता है और आप किन आसान बदलावों से अपनी त्वचा को राहत दे सकते हैं।

सोरायसिस में गर्मी बढ़ने का असली कारण क्या है और यह आपके लक्षणों को कैसे बिगाड़ती है?

सोरायसिस में आपकी त्वचा पहले से ही संवेदनशील रहती है। जब शरीर में गर्मी बढ़ती है तो यह संवेदनशीलता और तेज़ हो जाती है। इससे लालिमा, खुजली, जलन,  तथा पपड़ी जैसे लक्षण अचानक उभर सकते हैं।

आपको यह समझना ज़रूरी है कि सोरायसिस केवल त्वचा की बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक सूजन से जुड़ी स्थिति है। जब भी आपके शरीर का तापमान या भीतर की गर्मी बढ़ती है, तो यह सूजन और सक्रिय हो जाती है।

कुछ कारण जिनसे आपके शरीर में गर्मी बढ़ सकती है:

  • तेज़ मौसम या सीधी धूप में ज़्यादा रहना

  • बहुत गरम और तैलीय भोजन खाना

  • तनाव में रहना

  • व्यायाम के तुरंत बाद गरम माहौल में रहना

  • गरम पानी से बार-बार नहाना

जब शरीर में गर्मी बढ़ती है तो रक्त का प्रवाह सतह की ओर बढ़ जाता है। इससे आपकी त्वचा पर पहले से मौजूद लाल धब्बे और ज़्यादा उभर सकते हैं। खुजली भी तेज़ हो सकती है क्योंकि त्वचा और सूख जाती है। कई लोगों में गर्मी बढ़ने के कुछ ही घंटों में flare-up देखे गए हैं।

सोरायसिस की यह प्रतिक्रिया इसलिए भी बढ़ती है क्योंकि ज़्यादा गर्मी आपके शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को कमज़ोर करती है। जब आपकी त्वचा की नमी घटने लगती है तो पपड़ी बनना, फटना और जलन की समस्या बढ़ जाती है।

अगर आपको महसूस होता है कि किसी भी मौसम बदलाव, तेज़ धूप, या गरम जगह में रहने से आपकी समस्या बढ़ रही है, तो यह आपके लिए एक संकेत है कि गर्मी आपके प्रमुख ट्रिगर में से एक है।

आयुर्वेद के अनुसार गर्मी और मसाले सोरायसिस को कैसे प्रभावित करते हैं?

आयुर्वेद सोरायसिस को एक ऐसी स्थिति मानता है जो मुख्य रूप से वात, पित्त और कफ के असंतुलन से जुड़ी होती है। जब पित्त बढ़ता है, तो शरीर में गर्मी बढ़ती है। और जब वात बढ़ता है, तो त्वचा सूखने लगती है। यही सूखापन पपड़ी, फटना और खुजली को और तेज़ कर देता है।

मसालेदार भोजन और गरम चीज़ें पित्त को बढ़ाती हैं। आयुर्वेदिक दृष्टि से यह आपके रक्त को गरम कर सकती हैं, जिसे रक़्त-दूष्टि कहा जाता है। रक़्त-दूष्टि से त्वचा पर लालिमा, सूजन, दाने और पपड़ी जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

आयुर्वेद में यह भी माना गया है कि:

  • गरम भोजन अग्नि को असंतुलित कर देता है

  • अग्नि असंतुलित होने पर पित्त और बढ़ता है

  • बढ़ा हुआ पित्त सीधे-सीधे त्वचा की सूजन को बढ़ाता है

  • रक़्त के दूषित होने से त्वचा पर flare-up तेज़ी से उभरते हैं

यदि आपकी प्रकृति पित्त प्रधान है, या आपको जल्दी गर्मी लगती है, लालिमा जल्दी बढ़ती है, या मसालेदार खाना खाते ही चेहरे या त्वचा पर जलन बढ़ जाती है—तो यह संकेत है कि आपका पित्त जल्दी असंतुलित हो जाता है, और यह सोरायसिस के लक्षणों को तेज़ कर सकता है।

आयुर्वेद यह सलाह देता है कि सोरायसिस वाले लोगों को अपने भोजन में ठंडक देने वाली चीज़ें शामिल करनी चाहिए, जैसे—दही, घी, नारियल पानी, खीरा, ककड़ी, आँवला और हरा पत्ता सब्ज़ी।

सोरायसिस में किन गरम और मसालेदार चीज़ों से आपको खास तौर पर बचना चाहिए?

अगर आप देखते हैं कि मसालेदार या गरम भोजन से आपकी परेशानी बढ़ जाती है, तो कुछ चीज़ें हैं जिनसे आपको खास तौर पर बचने का ध्यान रखना चाहिए। ये चीज़ें शरीर में गर्मी बढ़ाती हैं और सोरायसिस की सूजन को तेज़ कर सकती हैं।

आपको इनसे दूरी रखने की कोशिश करनी चाहिए:

  • बहुत तिखी लाल मिर्च

  • काली मिर्च अधिक मात्रा में

  • गरम मसाला, चटपटे मसाले

  • गहरे भूने हुए तले मसाले

  • अत्यधिक गरम, तैलीय और मसालेदार करी

  • सड़क पर मिलने वाला तिखा और मसालेदार भोजन

  • बहुत तेज़ तले हुए नाश्ते या स्नैक्स

  • सिरका और बहुत खट्टे मसालेदार अचार

इन चीज़ों से बचने का मतलब यह नहीं कि आपको स्वाद छोड़ना पड़ेगा। आप हल्के मसालों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे—हल्दी, धनिया, जीरा, सौंफ और हिंग। ये मसाले स्वाद भी देते हैं और शरीर में गर्मी भी नहीं बढ़ाते।

खाना बनाते समय यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि तेल का ज़्यादा इस्तेमाल न हो। बहुत गरम तेल में बार-बार तला हुआ भोजन भी शरीर की गर्मी बढ़ाता है और आपकी त्वचा को अधिक संवेदनशील बना देता है।

अगर आपके ध्यान में आता है कि किसी खास प्रकार का मसाला या खाना तुरंत जलन, खुजली या लालिमा बढ़ाता है, तो उसे धीरे-धीरे अपने भोजन से हटाने की कोशिश करें। इस तरह आप अपनी त्वचा को flare-up से बचा सकते हैं।

सोरायसिस में flare-up रोकने के लिए आप अपने आहार को कैसे संतुलित कर सकते हैं?

सोरायसिस में flare-up को कम करने का सबसे आसान तरीका है अपनी diet को संतुलित बनाना। जब आप रोज़मर्रा के भोजन में ठंडक देने वाली, हल्की और सूजन कम करने वाली चीज़ें शामिल करते हैं, तो आपकी त्वचा पर सकारात्मक असर साफ दिखने लगता है।

आप अपनी आहार को इस तरह संतुलित बना सकते हैं:

हल्का और ठंडक देने वाला भोजन अपनाएँ

ऐसा भोजन आपके शरीर की गर्मी कम करता है और त्वचा को राहत देता है। इसमें शामिल हैं

  • हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ

  • खीरा, ककड़ी, तोरई, लौकी

  • मीठे फल जैसे तरबूज़, ख़रबूज़ा, सेब

  • काले अंगूर, चेरी और जामुन जैसी ठंडक देने वाली चीज़ें

ये चीज़ें न सिर्फ गर्मी कम करती हैं बल्कि आपकी त्वचा की नमी भी बनाए रखती हैं।

हल्का तेल और कम मसाले वाला भोजन चुनें

बहुत गरम, तैलीय और मसालेदार भोजन आपकी समस्या को बढ़ाता है। आप भोजन में कम मसाले, हल्के तेल और सादे पकवान शामिल करें। इस तरह आपकी त्वचा को सांस लेने का मौका मिलता है और flare-up कम हो सकता है।

पाचन को हल्का रखें

जब पेट में गर्मी बढ़ती है, तो त्वचा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए कोशिश करें:

  • भोजन समय पर करें

  • खाने के साथ बहुत गरम चीज़ें न लें

  • बहुत ज़्यादा तला हुआ और भारी खाना न खाएँ

  • दिन भर पर्याप्त पानी पीएँ

ठंडक देने वाले प्राकृतिक पेय शामिल करें

आप अपनी दिनचर्या में ये चीज़ें शामिल कर सकते हैं:

  • नारियल पानी

  • सादा छाछ

  • आँवला रस

  • हरा नींबू पानी

ये शरीर की गर्मी को कम करते हैं और त्वचा पर शांति प्रदान करते हैं।

गरम मौसम में अपने भोजन को और हल्का रखें

जब मौसम पहले से ही गरम होता है, तो पित्त और बढ़ सकता है। इस समय आप:

  • खीरा, सलाद, दही, छाछ जैसी चीज़ें अधिक खाएँ

  • भारी भोजन और मसालों से बचें

  • पानी पीने की मात्रा बढ़ाएँ

इस तरह संतुलित, हल्का और ठंडक देने वाला भोजन आपके flare-up को काफी हद तक रोक सकता है।

सोरायसिस में कौन-से ठंडक देने वाले आयुर्वेदिक आहार और पेय आपको राहत दे सकते हैं?

सोरायसिस में आपका लक्ष्य होना चाहिए कि शरीर की अनावश्यक गर्मी कम रहे, क्योंकि यही गर्मी अक्सर flare-up को बढ़ाती है। आयुर्वेद में कई ऐसे आहार और पेय बताए गए हैं जो शरीर को भीतर से ठंडक देते हैं और त्वचा की सूजन को शांत करते हैं। इन्हें अपने रोज़मर्रा के भोजन में शामिल करना आपके लिए बहुत सहायक हो सकता है।

आप इन ठंडक देने वाले आहार और पेयों पर ध्यान दे सकते हैं:

  • आँवला: यह शरीर में गर्मी कम करता है, रक्त को शुद्ध करता है और त्वचा को भीतर से पोषण देता है। आप इसे रस, चूर्ण या कच्चा फल किसी भी रूप में ले सकते हैं।

  • घी: घी पित्त को संतुलित करता है और सूखी त्वचा को अंदर से नमी देता है। भोजन में थोड़ा घी मिलाने से जलन और रूखापन कम हो सकता है।

  • नारियल पानी: यह प्राकृतिक रूप से ठंडक देता है और शरीर के तापमान को संतुलित रखता है। रोज़ एक गिलास नारियल पानी सोरायसिस में राहत दे सकता है।

  • छाछ: हल्की, पाचन में आसान और पित्त-शामक। दोपहर के भोजन के साथ पतली छाछ आपके लिए बहुत फायदेमंद है।

  • एलोवेरा का रस: यह शरीर की गर्मी कम करता है और त्वचा की सूजन को शांत करता है। आप दिन में एक बार कम मात्रा में एलोवेरा रस ले सकते हैं।

  • खीरा और ककड़ी: पानी की मात्रा ज़्यादा होती है, इसलिए शरीर को ठंडक देते हैं। सीधे सलाद के रूप में खाना सबसे अच्छा है।

  • तरबूज़ और ख़रबूज़ा: ये फल गर्मी के मौसम में प्राकृतिक ठंडक देते हैं और आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखते हैं।

  • सौंफ का पानी: हल्का, सुगंधित और पित्त को कम करने वाला। इसे आप रात में भिगोकर सुबह पी सकते हैं।

इन आहार और पेयों का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ये शरीर को भीतर से संतुलित रखते हैं। जब आपके भीतर की गर्मी कम होती है, तो खुजली, पपड़ी और लालिमा जैसे लक्षण भी धीरे-धीरे कम होते हैं।

सोरायसिस flare-up कम करने के लिए आप अपने रोज़मर्रा के खाना पकाने में क्या बदलाव कर सकते हैं?

अगर आपकी सोरायसिस बार-बार flare-up करती है, तो केवल क्या खा रहे हैं यह ही नहीं, बल्कि कैसे बना रहे हैं यह भी बहुत मायने रखता है। रोज़मर्रा की कुछ छोटी-छोटी रसोई की आदतें भी आपके लक्षणों को बढ़ा या कम कर सकती हैं।

आप ये आसान बदलाव कर सकते हैं:

हल्के तेल का चुनाव करें

बहुत गरम तेल में पकाए गए भोजन से शरीर की गर्मी बढ़ती है। कोशिश करें कि हल्के तेल में पकाएं और भोजन को ज़्यादा न तलें। कम तेल में धीमी आँच पर पकाया गया खाना आपके शरीर के लिए हल्का रहता है।

मसालों को कम करें

तीखे और बहुत तेज़ मसाले आपकी त्वचा को तुरंत प्रतिक्रिया दे सकते हैं। आप चाहें तो हल्दी, धनिया, जीरा और सौंफ जैसे हल्के मसालों का इस्तेमाल बढ़ाएँ। इनमें स्वाद भी है और ये गर्मी भी नहीं बढ़ाते।

बहुत ज़्यादा भूनना या तला हुआ भोजन कम करें

ज़्यादा भूना हुआ खाना आपके शरीर की गर्मी को बढ़ाता है। अगर आप सब्ज़ियाँ हल्की आँच पर पकाएँ, उबालें या भाप में पकाएँ, तो यह आपके पाचन को भी हल्का रखता है और त्वचा को भी आराम देता है।

भोजन को बहुत गरम न खाएँ

बहुत गरम तापमान का भोजन पेट और रक्त दोनों में गर्मी बढ़ा सकता है। हल्का गर्म या सामान्य तापमान वाला खाना सोरायसिस वाले व्यक्तियों के लिए बेहतर होता है।

घर पर पिसे हल्के मसाले अपनाएँ

बाज़ार के मसालों में मिलावट या ज़्यादा गर्म प्रकृति के तत्व हो सकते हैं। घर पर पिसे हल्के मसाले शरीर की गर्मी नहीं बढ़ाते और त्वचा को आराम देते हैं।

ये सभी बदलाव छोटे लगते हैं, लेकिन इनका प्रभाव आपकी रोज़मर्रा की त्वचा पर साफ दिखाई देता है। जब आपके भोजन में कम गर्मी और कम तीखापन होता है, तो flare-up की संभावना काफी कम हो जाती है।

क्या गर्मियों में सोरायसिस flare-up ज़्यादा होता है और आप इसे कैसे संभाल सकते हैं?

गर्मियों में तापमान पहले से ही अधिक होता है, और ऐसे में पित्त जल्दी बढ़ जाता है। यही कारण है कि कई लोगों को गर्मियों में लालिमा, खुजली, पपड़ी और flare-up ज़्यादा महसूस होते हैं। गर्मी का मौसम आपकी त्वचा को सूखा भी बना देता है, जिससे जलन और बढ़ जाती है।

लेकिन यह स्थिति संभाली जा सकती है अगर आप कुछ चीज़ों पर ध्यान दें:

  • धूप से बचाव करें: तेज़ धूप में सीधे निकलना आपकी त्वचा की गर्मी बढ़ा सकता है। आप हल्के कपड़े पहनें और सीधी धूप में कम समय बिताएँ।

  • पर्याप्त पानी पीएँ: गर्मी में शरीर जल्दी सूख जाता है। पानी पीने से शरीर की गर्मी कम रहती है और त्वचा बेहतर रहती है।

  • ठंडक देने वाले फल और सब्ज़ियाँ बढ़ाएँ: गर्मी में खीरा, तरबूज़, नींबू पानी और छाछ जैसे विकल्प बहुत मदद करते हैं।

  • बहुत गरम भोजन से दूरी रखें: गर्मियों में पहले से गर्म वातावरण के साथ गरम भोजन मिलकर पित्त को और बढ़ा सकता है।

  • हल्की और प्यास बुझाने वाली चीज़ें लें: नारियल पानी, सादा छाछ और सौंफ का पानी गर्मी में आपके लिए बहुत राहत देते हैं।

  • हल्का पहनावा चुनें: तंग, भारी या पसीना रोकने वाले कपड़े त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं।

अगर आपको गर्मी में flare-up ज़्यादा महसूस होता है, तो यह संकेत है कि शरीर का पित्त जल्दी बढ़ जाता है। ऐसे में आपको अपने खान-पान, पानी के सेवन और जीवनशैली को हल्का और ठंडा रखने पर ध्यान देना चाहिए।

निष्कर्ष

सोरायसिस में आपकी त्वचा पहले से ही संवेदनशील रहती है, इसलिए गर्मी, तीखे मसाले और गरम प्रकृति वाले भोजन कई बार स्थिति को तुरंत बिगाड़ सकते हैं। अगर आप अपने शरीर के संकेतों को ध्यान से देखें, तो आप खुद समझ पाएँगे कि कौन-सी चीज़ें आपकी त्वचा को राहत देती हैं और कौन-सी उसे परेशान करती हैं। ठंडक देने वाले आहार, हल्का भोजन, कम मसाले और शांत जीवनशैली अपनाने से धीरे-धीरे flare-up की तीव्रता कम होती है और आप अपनी त्वचा में एक आराम महसूस करते हैं।

हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए अपने लिए सही रास्ता वही होता है जिसे आप खुद अनुभव करके समझते हैं। अगर आपको लगता है कि छोटी-सी गलती से भी आपकी त्वचा में जलन बढ़ जाती है, तो अब समय है कि आप अपने भोजन और आदतों पर अधिक ध्यान दें और ज़रूरत पड़ने पर विशेषज्ञ सलाह लें।

यदि आप सोरायसिस या इससे जुड़ी किसी भी समस्या से परेशान हैं, तो हमारे प्रमाणित जीवा चिकित्सकों से आज ही व्यक्तिगत परामर्श लें। कॉल करें: 0129-4264323

FAQs

  1. क्या मसालेदार खाना सोरायसिस का कारण बनता है?

मसालेदार खाना सोरायसिस का सीधा कारण नहीं है, लेकिन अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो यह जलन और लक्षण बढ़ा सकता है। आपको अपनी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया देखनी चाहिए।

  1. आयुर्वेद के अनुसार सोरायसिस क्यों होता है?

आयुर्वेद में सोरायसिस मुख्य रूप से वात और पित्त के असंतुलन तथा रक़्त-दूष्टि से जुड़ा माना जाता है। जब ये बढ़ते हैं, तो त्वचा में सूजन और पपड़ी बनने लगती है।

  1. सोरायसिस क्या खाने से बढ़ता है?

आपकी प्रतिक्रिया अलग हो सकती है, लेकिन अधिक गरम, तली हुई, बहुत खट्टी, और पित्त बढ़ाने वाली चीज़ें कई लोगों में जलन, लालिमा और flare-up बढ़ा सकती हैं।

  1. क्या दूध पीने से सोरायसिस होता है?

दूध सोरायसिस का कारण नहीं होता, लेकिन कुछ लोगों में भारी दूध या गलत समय पर दूध लेने से पाचन गर्मी बढ़कर लक्षण तेज़ हो सकते हैं।

  1. क्या सोरायसिस में दही खाना ठीक है?

दही ठंडक देने वाली होती है और अधिकतर लोगों को राहत देती है। लेकिन अगर दही खाने से आपको भारीपन या गर्मी महसूस होती है, तो मात्रा कम कर दें।

  1. क्या सोरायसिस में खाली पेट रहना या उपवास करना सही है?

लंबे समय तक खाली पेट रहना पित्त बढ़ा सकता है, जिससे खुजली और जलन बढ़ सकती है। हल्का और समय पर भोजन करना आपकी त्वचा के लिए बेहतर है।

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